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तेल चोरी का खेल (1) - तेल माफिया सरकार को लगा रहे हैं लाखों की चपत

कानपुर 04 दिसम्बर 2018. इसे हम बदमाशों के बुलन्‍द इरादे कहें या कानून का खत्‍म होता खौफ कि पनकी में तेल माफिया इंडियन ऑइल के टैंकरों से खुलेआम तेल चोरी कर सरकार को लाखों की चपत लगा रहे हैं। इंडियन ऑइल से तेल लेकर निकले टैंकरों से रास्ते में आईओसी कर्मचारियों की मिली भगत से तेल माफिया तेल निकालकर उसकी काला बाजारी करते हैं। सूत्रों के अनुसार ये सारा खेल स्‍थानीय थाने के चन्‍द पुलिस वालों एवं कुछ तथाकथित पत्रकारों के संरक्षण में सालों से निर्विरोध जारी है।



सूत्रों के अनुसार तेल माफियाओं के हौसले इस कदर बढे हुए हैं कि पनकी थाने से चंद कदम की दूरी पर खुलेआम तेल चोरी की जा रही है। तेल माफिया इंडियन ऑइल के टैंकरों से इंडियन ऑइल के कर्मचारियों की मिली भगत से पेट्रोल व डीजल चोरी कर काला बाजारी कर रहे हैं। इंडियन ऑइल से तेल भरकर पेट्रोल पंप के लिए निकले टैंकरों से रास्ते में तेल माफिया बी ब्‍लाक पनकी, शाहपुर एवं भौती के समीप कई स्‍थानों पर मास्‍टर चाभी की सहायता से तेल निकालकर उसकी काला बाजारी करते हैं। सूत्रों की मानें तो ये लोग टैंकरों से रोजाना हजारों लीटर पेट्रोल व डीजल चोरी करते हैं और सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं।

स्‍थानीय जनता के आरोपों को सच माने तो यह सारा खेल स्‍थानीय पुलिस के संरक्षण में काफी समय से चल रहा है। रिहायशी इलाके में भारी टैंकरों की निरन्‍तर आवाजाही से इलाके की सड़कों एवं ट्रैफिक के बुरे हाल हैं, इस इलाके में आयेदिन होने वाले एक्‍सीडेन्‍ट की एक बडी वजह यही टैंकर हैं। कारण ये भी है कि तेल चोरी करवाने के बाद उस घटतौली को पूरा करने के लिये टैंकर चालक अंधाधुंध टैंकर चलाते हैं इससे मथ कर तेल में फेना उत्‍पन्‍न हो जाता है जो पैट्रोल पम्‍प पर घटतौली को कवर कर लेता है। इस प्रक्रिया में सड़क पर कोई इनके ट्रैंकर से टकराता है तो इनकी बला से, इनको तो बस अपने मुनाफे से मतलब है।

बताते चलें कि इस तेल चोरी के खेल के अखाड़े को तेलबाड़ा कहा जाता है। इसकी पुरानी खिलाडी नेताइन के बाद यह धंधा कई हाथों में गया। जिनमें कई बदमाश थे तो कई सफेदपोश भी थे। एक खिलाडी तो भगवाधारी भी रहे हैं। हाल फिलहाल एक पहलवान जी इस धन्‍धे की बागडोर सम्‍भाले हुये हैं। फिलहाल इतना ही पर इस तेल के खेल की बाकी कहानी अगली किश्‍त में जारी रहेगी.......