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पांच गांवों को आईआईटी कानपुर बनाएगा स्मार्ट विलेज     

कानपुर 25 दिसम्बर 2018 (महेश प्रताप सिंह/अनुज तिवारी). आईआईटी कानपुर में सोमवार को 1994 बैच के पूर्व छात्र सम्मेलन में छात्रों ने गंगा के संरक्षण के लिए अपना जीवन त्याग देने वाले प्रो जीडी अग्रवाल को मैन ऑन चेयर सम्मान से नवाजा। सभी पूर्व छात्रों ने कहा कि वे शहर के आसपास के गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए काम करेंगे।

आईआईटी से बीटेक करने वाले राजेश अभिचंदानी ने बताया कि स्मार्ट विलेज के पहले चरण में आईआईटी द्वारा गोद लिए गए पांच गांवों में रोजगार, विकास और शिक्षा पर जोर दिया जायेगा। इन पांचों गांवों को स्मार्ट विलेज में बदलना ही इस बैच का लक्ष्य है। आईआईटी ने सक्सूपुरवा, हृदयपुर, प्रतापपुर हरि, बैकुंठपुर और ईश्वरीगंज को गोद ले रखा है। इन सभी गांवों में सेनीटेशन, गोबर गैस प्लांट, सॉलिड वेस्ट प्लांट बनाए जाएंगे ताकि गांव के लोगों का जीवन स्तर सुधर सके। उन्होंने कहा कि इस बैच की ओर से हमेशा आईआईटी को रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग मिलती रहे इसलिए शिकागो के प्रखर बंसल अब फंड जुटाने का काम करेंगे।

पहले वर्ष में आठ मिलियन डॉलर (करीब 56 करोड़ रुपए) का फंड जुटाने का लक्ष्य रखा है। गंगा की अविरल धारा को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए 86 वर्षीय पर्यावरणविद प्रोफेसर जी.डी अग्रवाल बीती 22 जून से आमरण अनशन पर बैठे थे। हरिद्वार से उन्होंने अपने आमरण अनशन की घोषणा की थी। अनशन के बाद 11 अक्टूबर को उनका निधन हो गया था। यूनिवर्सिटी ऑफ बर्कले से पीएचडी करने वाले प्रो. जी.डी अग्रवाल आईआईटी कानपुर में सिविल एंड एन्वायरनमेंटल इंजीनियरिंग के एचओडी रहे थे।

आईआईटी पहुंच भावुक हुए पूर्व छात्र 
आईआईटी में पूर्व छात्र सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे पूर्व छात्र कैंपस पहुंचकर भावुक हो गए। इस दौरान वो उन कमरों में भी गए जहां उन्होंने कभी पढ़ाई की थी। कुछ अपनी ब्रांच की बिल्डिंग में मधुमक्खी का छत्ता देखकर खुश हुए। कहा यह तो तब से है जब हम यहां आये थे।