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बदहाल होती जा रही है बहराइच की शिक्षा व्यवस्था

बहराइच 12 दिसंबर 2018. सर्व शिक्षा अभियान पर सरकार द्वारा करोडों खर्च किये जा रहे हैं पर असलियत ये है कि जिले की शिक्षा व्यवस्था दिनों दिन बदहाल होती जा रही है। कहीं शिक्षक गायब तो कहीं आंगनबाड़ी। कहीं बच्चे आवारा घूमते नजर आते हैं तो कहीं अध्यापक मनमर्जी से स्कूल आते जाते हैं। कहीं कोई देखने वाला नहीं है। करोडों खर्च के बाद भी एक पैसे का काम नज़र नहीं आता है।


आज की स्थिति में अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढाने का मतलब है जीवन में ये बच्चे चपरासी बनने के भी लायक नहीं बनेंगे। अगर सरकार वाकई में शिक्षा का स्तर सुधारना चाहती है तो शिक्षा विभाग पर सख्ती करनी होगी। जिससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो और बच्चों को उचित शिक्षा मिल सके। आइये डालते हैं एक नज़र जिले की बदहाल शिक्षा व्‍यवस्‍था पर -



विकासखंड रिसिया और चितौरा-
सुबह 9:30 बजे गुरुदत्त पूर्वा बंगला चक विकासखंड रिसिया प्राथमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र दोनों में लगा ताला। 9:30 बजे  विद्यालय की सहायक अध्यापिका सायमा अंबेसडर कार से विद्यालय पहुंचती हैं और वह बताती हैं की गाड़ी खराब हो जाने के कारण हम विद्यालय समय से नहीं पहुंच पाए। विद्यालय का ताला बंद होने का कारण पूछने पर उन्होंने बताया की चाबी मजदूरों के पास है, विद्यालय में काम चल रहा है। जब वह आएंगे तभी स्कूल खुलेगा।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय गणेशपुर विकासखंड रिसिया-
समय 9:40 बजे विद्यालय बंद मिला। मैदान में दो चार बच्चे गुल्ली डंडा खेलते दिखाई दिए। थोड़ी देर के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक वकील अहमद विद्यालय पहुंचते हैं और वह बताते हैं की गाड़ी खराब हो जाने के कारण और जाम में फंस जाने की वजह से विद्यालय आने में देर हो गई। उसी के कुछ देर बाद सहायक अध्यापक भी मोटरसाइकिल से विद्यालय पहुंचते हैं और वह भी यही बहाना बनाते हैं।

प्राथमिक विद्यालय जंगली पुरवा विकासखंड रिसिया-
सुबह 9:50 बजे है यहां पर एकमात्र सहायक अध्यापिका फरजाना अख्तर मौजूद हैं और अन्य 3 स्टाफ नदारद मिले जबकि शिक्षामित्र उसी गांव की हैं। ग्रामीणों के अनुसार शिक्षामित्र 10 कदम की दूरी पर घर होने के बावजूद अपने मनमानी तरीके से स्कूल आती जाती हैं।

प्राथमिक विद्यालय छीटन पुरवा विकासखंड रिसिया –
सुबह के 10:00 बजे विद्यालय खुला. विद्यालय में एकमात्र शिक्षामित्र सुनीता वर्मा मौजूद मिलीं। वह भी बच्चों से साफ सफाई करवाने में व्यस्त थीं। उन्होंने बताया विद्यालय में जो और स्टाफ है वह छुट्टी पर है जबकि ग्रामीणों ने बताया कि बाकी दोनों अध्यापक कभी कभार ही विद्यालय आते हैं।

प्राथमिक विद्यालय भैंसहा विकासखंड रिसिया –
विद्यालय प्रांगण में ही आंगनबाड़ी केंद्र भी है। ग्रामीणों के अनुसार जो कभी नहीं खुलता,  विद्यालय में 1 शिक्षा मित्र सहित तीन स्टाफ मौजूद थे। तीनों अपने अध्यापन कार्य में मशगूल थे।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय बयसन पुरवा –
दो अध्यापक कार्यरत हैं, जिसमें से प्रधानाध्यापक इंचार्ज गौड़ विद्यालय के अध्यापन कार्य में मशगूल पाए गए और एक अन्य अध्यापक छुट्टी पर बताए गए। विद्यालय में पंजीकृत 56 छात्रों के सापेक्ष 15 से 20 ही उपस्थित थे।

प्राथमिक विद्यालय बिबियापुर विकासखंड चितौरा –
विद्यालय में प्रधानाध्यापिका सुमन देवी तथा उनके साथ शिक्षामित्र उर्मिला देवी मौजूद थे। यहां पर सहायक अध्यापिका मीता दीक्षित और एक शिक्षामित्र अनुपस्थित थे। प्रधानाध्यापिका द्वारा बताया गया की शिक्षामित्र गांव में जनसंपर्क के लिए गए हैं और नीता दीक्षित छुट्टी पर हैं, जिनका एप्लीकेशन मेरे पास है। एप्लीकेशन देखने पर यह प्रतीत हुआ कि यह परमानेंट रजिस्टर में लिखा हुआ रखा रहता है जिस पर दिनांक भी नहीं पड़ी हुई थी। ताकि कोई आए तो उसे दिखाया जा सके, प्रधानाध्यापिका द्वारा उपस्थिति पंजिका दिखाई गई तो उसमें नीता दीक्षित और शिक्षा मित्र के 8-12 -2018 से हस्ताक्षर उपस्थिति नहीं पाई गई।

प्राथमिक विद्यालय भोपतपुर चौकी विकासखंड चितौरा -
इसी प्रांगण में पूर्व माध्यमिक विद्यालय और राजकीय हाई स्कूल भी है। प्राथमिक विद्यालय भोपतपुर में एक अध्यापक पूरे विद्यालय के बच्चों को अकेले पढ़ाते हैं। उन्होंने बताया की और स्टाफ छुट्टी पर है, जबकि वहां बच्चों की संख्या 200 से ऊपर है। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय भोपतपुर चौकी मैं सहायक अध्यापिका इंचार्ज प्रधानाध्यापक और उनके साथ एक अनुदेशक और एक अनुच्छेद विद्यालय में मौजूद थे। उन्होंने बताया की दो और अनुदेशक छुट्टी पर हैं। दोनों विद्यालयों में मिड डे मील की जानकारी लेने पर पता चला कि आज राशन खत्म हो जाने की वजह से मिड डे मील नहीं बन पाया, जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। विद्यालय के मिड डे मील का राशन खत्म होना इस बात की ओर संकेत करता है कि कहीं ना कहीं विभागीय लापरवाही और विभागीय अधिकारियों की उदासीनता सामने है। वहीं राजकीय हाई स्कूल में दो अध्यापक कार्यरत हैं जिनकी बदौलत हाई स्कूल के छह विषयों का पठन-पाठन कराया जाता है। विद्यालय में एक लिपिक भी मौजूद थीं। बच्चों ने बताया की लिपिक मैडम के द्वारा और मौजूदा सर जी के द्वारा ही हम लोगों को सारे विषय पढ़ाए जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि सरकारी हाई स्कूल में जिसमें 6 विषय होते हैं उसके लिए मात्र दो अध्यापक ही सभी विषयों को पढ़ाने का कार्य करते हैं, इस तरह यहां की शिक्षा प्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है।