रेल का खेल (4) - लीज यान की आड़ है, टैक्स चोरी का जुगाड़ है
कानपुर 30 नवम्बर 2018 (सूरज वर्मा). बैन होने के बावजूद कानपुर में बने जहर यानि कि गुटखा और पान मसाला की सप्लाई बिहार और दिल्ली को निरन्तर जारी है। कानपुर सेंट्रल और अनवरगंज स्टेशन पर सक्रिय रेलवे दलाल इस सप्लाई में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। बिहार और दिल्ली में गुटखा-पान मसाला बैन होने के बावजूद कानपुर से वहां भेजा रहा है, इसके लिये लीज पर लिये गये रेलवे के वीपी, पार्सल यान का धड़ल्ले से प्रयोग किया जाता है। किसी भी प्रकार की चेकिंग नहीं किये जाने के कारण ये टैक्स चोर दलालों के लिये सबसे उपयुक्त होता है।
सूत्रों के अनुसार कानपुर के दादानगर में स्थित तलब पान मसाला फैक्ट्री, ट्रांसपोर्टनगर स्थित मधु तंबाकू फैक्ट्री, केसर गुटखा, तिरंगा गुटखा फैक्ट्री, ट्रांसपोर्टनगर में ही स्थित राजश्री पान मसाले के विशाल डिपो व शहर के अन्य इलाकों में स्थित कमला पसंद, पान बहार पान मसाला के गोदामों से मसाले व इन्ही ब्रांडों के पैक्ड तंबाकू के 3 से 4 हजार बोरे बोरे कालिंदी, श्रमशक्ति, महाबोधि सहित दिल्ली, बिहार, कोलकाता तक जाने वाली ट्रेनों के लीज्ड पार्सल यानों से भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं रेलवे की लीज वाली इसी वीपी यान से पान मसाले में मिलावट के लिये जहरीली पामलेट सुपाड़ी भी कानपुर तक आयात की जाती है, जबकि ये पूरी तरह प्रतिबंधित होती है। सूत्रों की माने तो चुराये जा रहे टैक्स की एवज में सेल्स टैक्स के दो खास सचल दल अधिकारियों को 10 से 15 लाख रुपये प्रति माह दिया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि पान मसाला और तंबाकू उद्योग सम्बन्धी टैक्स चोरी के धन्धे में एक दलाल का एकछत्र राज है, नाम है पप्पू मीठा। पान मसाला और किराना आईटम्स में टैक्स चोरी के ‘किंग’ कहलाने वाले रेलवे के सबसे बड़े दलाल पप्पू मीठे का ठिकाना कानपुर में ही हरबंस मोहाल थानाक्षेत्र का सुतरखाना इलाका है। इसी थाना क्षेत्र ओर रेलबाजार में उक्त दलाल के अपने खुद के और दूसरे दलालों के साथ पार्टनरशिप में कई होटल भी हैं। उसका ये इलाका कानपुर सेंट्रल स्टेशन और स्टेशन के माल गोदाम से महज चंद कदमों की दूरी पर है। पप्पू मीठा के घर, आफिस आदि ठिकानों पर सूबे की पिछली सरकारों के समय दर्जनों शिकायतों के बाद दो बार छापा पड़ चुका है। एक्साइज डिपार्टमेंट की डीआरआई टीम और वाणिज्य कर विभाग की स्पेशल टीमों ने बाकायदा पप्पू मीठा के घर व कार्यालयों पर छापे मारकर करोड़ों रुपये टैक्स चोरी के सबूत जमा कर लिये थे। पप्पू मीठे के एक बड़े कारखास ने ही उसके खिलाफ बयान भी दे दिये थे। लेकिन सत्ता और शासन में बैठे पप्पू मीठे के ‘दोस्तों’ ने जांच को दबवा दिया और फाइलों को गायब कर दिया।
इसी प्रकार एक बार पिछले बसपा शासनकाल में पप्पू मीठा का नाम सबसे ज्यादा टैक्स का चूना लगाने वाले रेलवे दलाल के रूप में शासन की ‘हिट लिस्ट’ में लिखा गया था। तब थाने में उसके खिलाफ भारी धाराओं में रिपोर्ट लिखे जाने की तैयारी हुई, लेकिन फिर अचानक मामला ढीला हुआ और फिर धीरे-धीरे खत्म हो गया।
पप्पू मीठे के अलावा टैक्स चोरी की दलाली के बाकी बड़े खिलाड़ियों में रेलबाजार निवासी अंकल उर्फ वसी, श्यामनगर निवासी धमेंद्र जायसवाल, सुतरखाना निवासी बॉबी खान, छोटा और बड़ा चिग्गू, संजय प्रजापति, अजय और शनी प्रजापति आदि प्रमुख हैं। जानकारों की माने तो इन दलालों को किराना और पान मसाला, गुटखा जैसे जहर के व्यापार में उसके आकाओं ने हर बार बचाया। पूरे उत्तर भारत में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले कानपुर शहर में ही सबसे ज्यादा टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों के ये दलाल पान मसाला-गुटखा, किराना, इलेक्ट्रानिक्स आईटमों, रेडीमेड कपड़ों व होजरी व्यापारियों को रोजाना करोड़ों की टैक्स चोरी करवाते करवाते खुद भी करोड़पति हो गये हैं।
सूत्र बताते हैं कि अब इन दलालों ने दो नंबर के गैरकानूनी कामों से काली कमाई करने के बाद से दान-धर्म-पुण्य में पैसा लगाना शुरू कर दिया है। कोई मंदिरों में और ‘स्वामी जी’ को कारें-गाड़ियां भेंट कर रहा है, तो दूसरा मस्जिद में जकात दे रहा है। जानकारों का कहना है कि इस काली कमाई में से स्थानीय पुलिस को भी काफी बड़ा ‘दान’ दिया जाता। अब देखना ये है कि सूबे की भाजपा सरकार इस दलाल सिंडीकेट के खिलाफ कुछ कर पाती है या नहीं...
(Suraj Verma - 08127536298)