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पुलिस हो गई टोटल फेल, अभी भी जारी है जुए का खेल

कानपुर 31 अक्‍टूबर 2018 (सूरज वर्मा). भारत सहित दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में जुआ एक प्राचीन और आम मनोरंजन का साधन रहा है। हालांकि कुछ जुआरी अपनी इस आदत पर नियंत्रण खो देते हैं, इतना ज्यादा कि यह व्यवहार उनके पूरे जीवन पर हावी हो जाता है। कुछ एैसे ही हालात इन दिनों थाना काकादेव के हो गये प्रतीत होते हैं। यहां एसपी वेस्‍ट द्वारा छापा मारने और 3 आरोपियों के पकड़े जाने के बाद भी जुआड़खाना बदस्‍तूर जारी है।


बताते चलें कि इन दिनों कानपुर शहर में प्रतिदिन करीब एक करोड़ रुपये का जुआ खेला जा रहा है। एक दर्जन से अधिक स्थान जुए के अड्डे के रूप में अपनी स्‍थायी पहचान बना चुके हैं। जुए के इन अड्डों में से कई रिहाइशी इलाके में हैं, जहां जुआरियों की रात-दिन की धमाचौकड़ी से आसपास का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों द्वारा वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना कई बार दी गई, पर पुलिस की ओर से इस अवैध कारोबार के खिलाफ कोई उल्‍लेखनीय कार्रवाई नहीं की गई है। कल एसपी वेस्‍ट के दबाव में कार्यवाही की भी गई तो स्‍थानीय स्‍तर पर पुलिस ने लिखापढी करने में खेल कर दिया और इसी ढिलाई का फायदा उठाते हुये विजय नगर के दबंग ब्रदर्स का जुआड़खाना यथास्‍थान अभी भी बेखौफ जारी है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ भरोसेमन्‍द पुलिस सूत्रों ने बताया कि लिखापढ़ी करते समय गिरफ्तारी का स्‍थान परिवर्तित करके दर्ज किया गया, जिससे जुआरियों के पक्‍के ठीये को नुकसान न पहुंचे और कार्यवाही का दिखावा भी हो जाये। सूत्र बताते हैं कि जुआरियों का पक्‍का ठीया विजय नगर चौराहे पर शौचालय के समीप बना हुआ है। यहां अभी भी जुआ खिलाया जा रहा है बस कार्यप्रणाली बदल गयी है।

सूत्रों की माने तो कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र में जुए के बेलगाम खेल ने आम लोगों को परेशान कर दिया है। अलग-अलग हिस्सों में दिन-दहाड़े हो रहे जुए के खेल ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन को चुनौती दे रखी है बल्कि आम लोगों का रहना भी मुश्किल कर दिया है। आरोप है कि पकड़ा गया तथाकथित बसपा नेता सुधान पांडे का भाई मुन्नू पांडेय उर्फ "जोगी" काफी समय से जुआ, सट्टा और गांजा का कारोबार कर रहा था, जिसे बीती रात एसपी वेस्‍ट की टीम ने मौके से धर दबोचा था। बताते चलें कि इलाके में जुए का प्रचलन स्‍थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। दिन-दहाड़े जहां-तहां जुआरियों और शराबियों की महफिल जम जाती है। ऐसे में उस रास्ते आने-जाने वालों को अनावश्‍यक परेशानी झेलनी पड़ती है।

स्‍थानीय जनता का आरोप है कि पुलिस प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने से यह परेशानी आ रही है। हाल यह है कि महिलाओं को उस क्षेत्र से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। गाली-गलौज, लड़ाई-झगड़े के कारण स्‍थानीय लोग परेशान हो चुके हैं। आए दिन यहां विवाद की स्थित उत्पन्न होती रहती है और स्‍थानीय पुलिस कान में तेल डाले बैठी रहती है।