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कस्‍बे में फैला वायरल बुखार, झोलाछाप डॉक्टरों की आई बहार

अल्हागंज 07 सितम्बर 2018 (अमित बाजपेई).  नगर व क्षेत्र में वायरल, टाइफाइड तथा मलेरिया बुखार फैलने से सैकड़ों लोग बीमारी की चपेट में आ गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जेनेरिक दवाइयों के अभाव में रोगी बाजार से महंगी दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर हैं। आरोप है कि रोगियों को खास पैथोलॉजी लैब से रक्त की जांच कराने के लिए कहा जाता है तथा दवाइयां भी सादे कागज पर लिख दी जाती हैं जिनको मरीज आसपास के मेडिकल स्टोरों से खरीदते हैं।


सूत्रों की माने तो रोगी जरूरत पडने पर कस्बे की पैथोलॉजी में जाकर अपना रक्त परीक्षण कराते हैं आरोप है कि वहां उनको ₹500 से लेकर ₹600 तक शुल्क भुगतान करना पड़ता है, तथा मार्केट से उनको दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी S.K बचानी बताते हैं कि अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 150 मरीज आते हैं, जिसमें से करीब 100 मरीज वायरल बुखार से पीड़ित होते हैं, जिनको खांसी, बुखार, जुखाम गले में खराश तथा शरीर में दर्द की शिकायतें होती हैं। शेष मरीज टाइफाइड और मलेरिया रोगों से पीड़ित होते हैं, जिनको उपलब्ध दवाइयां दे दी जाती हैं। 

अस्पताल की पैथोलॉजी लैब के तकनीशियन पंकज बताते हैं कि लैब में प्रतिदिन लगभग बीस से लेकर तीस मरीजों के रक्त की जांच की जाती है, जिनमें ज्‍यादातर में वायरल बुखार के लक्षण पाए जाते हैं तथा कुछ मरीजों में टाइफाइड व मलेरिया के भी लक्षण पाए जाते हैं। अब सवाल ये उठता है की अस्पताल में पंजीकृत लगभग 100 मरीजों को वायरल बुखार की शिकायत होती है और लैब में प्रतिदिन लगभग तीस वायरल बुखार से पीड़ितों के रक्त की जांच की जाती है तो शेष मरीज अपना रक्त परीक्षण कहां कराते हैं ???

एक अनुमान के मुताबिक कस्बे में प्रतिदिन लगभग पांच सौ मरीज कस्बे के झाेलाछाप चिकित्सकों के यहां इलाज के वास्ते आते हैं, अधिकांश मरीज वायरल बुखार से पीड़ित होते हैं। अस्पताल में दवाइयों के अभाव में मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के यहां इलाज के लिए जाते हैं। सूत्रों का दावा है की कस्बे की पैथोलॉजी लैब रजिस्टर्ड नहीं है और झोलाछाप डॉक्टरों तथा पैथोलॉजी लैब को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
 
इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी आर.पी रावत का कहना है कि ऐसी शिकायतें हमको भी मिल रही हैं शीघ्र इन शिकायतों की जांच कराई जाएगी और अल्लाहगंज के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जेनेरिक दवाइयों की कमी को भी दूर किया जाएगा, जेनेरिक दवाइयों की कोई कमी नहीं है।