बुढ़वा मंगल पर लाखों भक्तों ने किये बजरंगबली के दर्शन
कानपुर 25 सितम्बर 2018 (महेश प्रताप सिंह/अनूप कुमार). बुढ़वा मंगल का त्यौहार आज कानपुर में पूरी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पनकी स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए भक्त देर रात से ही कई किलो मीटर लम्बी कतार में खड़े थे। रात 1 बजे हनुमान जी की आरती के बाद मंदिर के कपाट खुले और भक्तों ने बजरंग बली को भोग लगाया। आज हनुमान भक्तों में अपने ईष्ट के दर्शन करने की अलग सी लालसा नज़र आ रही है।
पूरे शहर में कई जगह भक्तों द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया है। देर रात एसएसपी अनन्त देव व डीएम विजय विश्वास पन्त ने पनकी मंदिर की सुरक्षा का जायजा लिया। यहां कई थानों की पुलिस, पीएसी के जवान, एसपी, सर्कल ऑफिसर आदि सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात हैं। जानकारी के अनुसार पनकी मंदिर में पूजन श्रंगार के बाद बड़े महंत श्री 108 बाबा रमाकांत जी के द्वारा मंगला आरती की गयी। जयकारे के साथ श्रद्धालुओं ने बजरंग बली बाबा का नारा लगाते हुए प्रसाद चढ़ाया। भीड़ को देखते हुए प्रशासन के भी पसीने छूट गए। भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ सी.ओ राजेश पाण्डेय मौके पर रात भर मौजूद रहे।
रात करीब 10:30 बजे से लाखों श्रद्धालू लम्बी लाइन लगाकर बाबा के दर्शन के लिए अपनी अपनी लाइन में खड़े थे । महंत जीतेन्द्र दास ने खुलासा टीवी को बताया कि बुढ़वा मंगल का महत्व एक पौराणिक कथा से भी जाना जाता है। अज्ञातवास के समय पांडव जंगल में भ्रमण कर रहे थे, उसी समय रास्ते में वृद्ध वानर को देखकर भीम ने उनकी उपेक्षा की और अपने घमंड के द्वारा उनको अपनी पूंछ हटाने के लिए बोला, तभी वानर रूपी बजरंग बली ने उनकी परीक्षा लेने के लिये भीम से स्वयं ही पूंछ हटाने के लिए कहा। भीम ने सारा बल लगा दिया लेकिन पूंछ टस से मस नहीं हुई। भीम वानर के चरणों में गिर गये। तब बजरंगबली ने अपना विशाल रूप दिखा करके उनको दर्शन दिए। तभी से उस दिन को बुढ़वा मंगल के रुप में मनाया जाता है।
कानपुर के पनकी मंदिर को बजरंग बली के सच्चे दरबार के रूप में भी जाना जाता है। पंचमुखी हनुमान मंदिर की ख्याति भारत के विभिन्न प्रदेशों तक फैली है। यहां पर बुढ़वा मंगल के दिन रात 1:00 बजे से करीब 4 से 5 लाख श्रद्धालू दर्शन के लिए आते हैं। बहुत ही दूर-दूर से श्रद्धालुओं ने आज यहां आकर बाबा के दर्शन करके भोग लगाया। दूर दराज से आये भक्तों के लिये जगह जगह भण्डारे आयोजन कर प्रसाद का वितरण किया गया। लोगों ने मन्दिर में लगे मेले का जमकर आनंद उठाया। पत्रकारों के राष्ट्रीय संगठन All Indian Reporter's Association (AIRA) की सहयोगी संस्था United Council Of Human Rights (UCHR) द्वारा पनकी मंदिर में खोया पाया सहायता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मेले में खोये कई बच्चों को उनके माता-पिता के सुपुर्द किया गया।