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योगी सरकार में अधिकारी बेलगाम, सरकार को कर रहे बदनाम

लखनऊ 11 जून 2018. यूपी सरकार जनहित, समाजहित और प्रत्येक वर्ग के विकास के लिये योजनाओं को अमली जामा पहनाने के प्रयास में तल्लीन दिख रही है, परन्तु कुछ बिगड़ैल और पूर्व सरकार के हितैषी अधिकारी जानबूझ कर सरकार के कामों को पलीता लगाने में दिन-रात लगे हुए हैं। इसी की बानगी लखीमपुर खीरी के खण्ड शिक्षा अधिकारी हैं, जो चौथे स्तंम्भ के कार्यो को फ़र्ज़ी और अपराध की श्रेणी में मानते हैं ? 


सूत्रों के अनुसार बेसिक शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन घटाता जा रहा है, कारण एक नहीं अनेक हैं। कुछ शिक्षक तो ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम देने में लगे हुए हैं परन्तु इन शिक्षकों को जो सम्मान विभागीय स्तर पर मिलना चाहिये वह इनको नहीं प्राप्त हो रहा है। ताज़ा उदाहरण जनपद लखीमपुर खीरी का है, जब एक पत्रकार द्वारा एक प्राथमिक विद्यालय मलिकपुर, विकास खंड बेहजम खीरी का स्थलीय निरीक्षण किया तो अनेक त्रुटि उजागर हुईं, जिसमें बच्चों की संख्या में कमी होना, रसोईघर में गन्दगी का मिलना, फायर सिलेंडर की रिफलिंग ना होना, विद्यालय प्रांगण में गन्दगी का ढेर लगा होना, विद्यालय कक्ष की खिड़की का टूटा होना तथा शौचालय में विकराल गन्दगी का मिलना, बच्चों एवं महिला शिक्षकों को शौचालय हेतु दूर दूर तक कोई उचित स्‍थान न मिलना शामिल हैं। 

जब प्राथमिक विद्यालय से सम्बन्धित शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल (आईजीआरएस) पर की गयी तो बीएसए ने इसकी जांच विकासखण्ड बेहजम को प्रेषित की, खण्ड शिक्षा अधिकारी बेहजम ने शिकायतकर्ता (संवाददाता) से दूरभाष पर बात की तो खण्ड शिक्षा अधिकारी की वार्ता में गुस्से का भाव, देख लेने जैसी हनक स्पष्ट प्रतीत हो रही थी, वहीं यह भी लग रहा था कि खण्ड शिक्षा अधिकारी को अपने क्षेत्र अंतर्गत विद्यालय की शिकायत उचित नहीं लगी और उन्होंने संवाददाता को अपने काम से काम रखने की हिदायत देने से गुरेज़ नहीं किया। जब संवाददाता को यह प्रतीत हुआ कि एबीएसए ने विद्यालय में सुधार को अमली जामा ना पहनाते हुए विभाग को गुमराह करने का भरपूर प्रयास तथा कागज़ी खानापूर्ति कर आख्या को इतिश्री कर लिया है, तो संवाददाता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर पुनः एबीएसए द्वारा दूरभाष वार्ता का ज़िक्र करते हुए शासन एवं विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, शासन द्वारा एबीएसए तथा विद्यालय प्रांगण की कमी को दूर करने हेतु पुनः बीएसए खीरी को जांच करने हेतु शिकायत प्रेषित की गयी। अधिकारियों की सूझबूझ और अनुभव का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि मामले की जाँच उसी अधिकारी को प्रेषित की गई जो स्वयं आरोपी था। 

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकार को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश सरकार में ऐसे अधिकारियों की फ़ेहरिस्त है जो पूर्व सरकार में बढ़ चढ़ कर राजनैतिक कार्यकर्ता की तरह कार्य कर रहे थे। परंतु अब योगी सरकार की विकास योजनाओं को पलीता लगाने एवं सरकार विरोधी कार्यो को अंजाम देने में लगे हुए हैं। वहीं जब सरकार की आँखे खोलने का कार्य मीडिया करती है तो एबीएसए(वि०ख०-बेहजम, जनपद खीरी) जैसे अधिकारी शासन और प्रशासन को गुमराह करने का भरसक प्रयास करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार क्या ऐसे बिगड़ैल अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी ?? वरना ये अधिकारी आगामी चुनाव तक सरकार के विरुद्ध अपनी ड्यूटी को अंजाम दे कर राह में गड्ढे खोदने का काम करते रहेंगे।