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मंत्री मूणत फिर से विवादों के घेरे में, महिला को आधी रात में भेजा दोस्ती का प्रपोजल

रायपुर 14 मई 2018 (जावेद अख्तर). छग राज्य सरकार में परिवहन एवं लोक निर्माण विभाग मंत्री राजेश मूणत ने एक बार पुनः खुद को विवादों में फंसा लिया है, खुद को विवादों में फंसाने का उनका यह चौथा मामला है। इस बार सोशल मीडिया पर मंत्री मूणत सहित मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की भी जमकर किरकिरी हो रही है।


जहां एक तरफ रमन सरकार अपनी चौथी पारी के लिए विकास यात्रा 2018 अभियान के तहत प्रत्येक क्षेत्रों में पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं वहीं दूसरी तरफ उनके मंत्रिमंडल के मंत्रियों की महिलाओं के प्रति तीखी टिप्पणी अथवा विशेष रूचि किसी से छिपाए नहीं छिप रही है।परिवहन व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत तो इस मामले में काफी आगे निकल चुके हैं, कथित सीडी कांड से अभी निजात भी नहीं मिल पाई है कि अब वे एक महिला को सोशल मीडिया (facebook) के जरिए आधी रात को फ्रेंड रिक्वेस्ट (Friend Request) भेजे जाने को लेकर फिर से विवादों की सुर्खियां बटोर रहे हैं।

मंत्री मूणत का 'फ्रेंड रिक्वेस्ट' महिला ने किया वायरल - 
मंत्री राजेश मूणत के द्वारा काजल किरण को फेसबुक पर आधी रात को "फ्रेंड रिक्वेस्ट" भेजे जाने से प्रदेश की राजनीति गलियारे में गरमागरम चर्चा का विषय बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्री राजेश मूणत के द्वारा आधी रात को एक चर्चित महिला काजल किरण को फेसबुक पर दोस्ती के लिए "फ्रेंड रीक़वेस्ट" भेजा है, जिसे खुद उक्त काजल किरण ने सोशल मीडिया में वायरल किया है। दरअसल इस मामले में विवादित काजल किरण का कहना है कि माननीय मंत्री जी के द्वारा आधी रात को फ्रेंड रिक्वेस्ट करने का आखिर औचित्य क्या..? 

कौन है काजल किरण -
ज्ञात हो कि, काजल किरण' वही महिला है, जिसे कथित सीडी कांड के मास्टर माइंड और मंत्री मूणत के खासमखास 'प्रकाश बजाज' के खिलाफ, न्याय के लिए अदालत तक का दरवाजा खटखटा चुकी हैं। उक्त महिला काजल किरण ने कुछ माह पहले प्रकाश बजाज पर मकान दिलाए जाने के नाम पर रूपये 10 लाख की धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाया है। महिला के द्वारा उक्ताशय को लेकर पुलिस में शिकायत भी किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है; लेकिन मामला लेन-देन का होने की वजह से पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य की धारा लगाकर न्यायालय की शरण मे जाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। आखिरकार पीड़िता काजल किरण ने प्रकाश बजाज के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर की शरण में पहुंची और अधिवक्ता के माध्यम से अपील दायर कर दी, जिसकी अतिशीघ्र सुनवाई भी होने वाली है। काजल किरण ने प्रकाश बजाज पर यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी के द्वारा न तो उसे मकान दिलवाया गया और न ही उसे रूपये लौटाए गए। रकम वापसी के लिए जब भी आरोपी से मांग की जाती तो बजाज के द्वारा उसे (काजल किरण को) अकेले में मिलने को कहा जाता था।

बहरहाल सच्चाई जो भी हो, इस मामले में प्रकाश बजाज खुद को निर्दोष बता रहा है, लेकिन सच तो यह है कि प्रकाश बजाज को परिवहन व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत के बेहद करीबी माने जाते हैं, और इसी बहाने पीडब्ल्यूडी व परिवहन मंत्री की प्रतिष्ठा एक बार फिर दांव पर लग चुकी है।

विरोधी खेमा सक्रिय, आधी रात को महिला को फ्रैण्ड क्यों बनाना चाहते हैं -
फिलहाल राजेश मूणत द्वारा एक महिला को आधी रात में दोस्ती के लिए प्रपोज़ करने को दिया। अलग-अलग राय हो सकती है, मगर विरोधी इसे लेकर सक्रिय हो गए हैं। इस घटनाक्रम पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय ने एक बयान जारी करके कहा है कि मुख्यमन्त्री डॉ. रमन सिंह के वरिष्ठ मंत्री राजेश मूणत आखिर उस महिला को आधी रात को क्यों दोस्त बनाने का प्रस्ताव भेजा। ऐसी क्या जरूरत और परिस्थिति थी उनकी। हालांकि यह उनका निजी मामला है। उनकी क्या मंशा रही होगी यह वही बताएंंगे लेकिन भारतीय संस्कृति और सभ्यता के अनुसार कितना सही है और कितना गलत यह वह समझते होंगे। देश और प्रदेश मे महिलाओं और बेटियों पर वैसे भी कई अत्याचार हो रहे हैं, ऐसे मे इस तरह की बातें जनता का मनोबल तोड़ती हैं और अविश्वास पैदा करती हैं।

मंत्री की तरफ से पक्ष व सफाई - 
बहरहाल मंत्री मूणत के शुभचिंतकों का इस बारे में बचाव को लेकर जबरदस्त पक्ष रखा जा रहा है। उनका कहना है कि "पार्टी आलाकमान ने अपने सांसदों/विधायकों को सोशल मीडिया में अपने फ़ॉलोअर्स की तादात बढ़ाने कहा है, इस स्थिति में भाजपा का हर प्रतिनिधि फेसबुक पर ध्यान दे रहे हैं; अतः माननीय मंत्री द्वारा महिला को दोस्ती का प्रपोज करना इसी कड़ी का हिस्सा हो सकता है।"

एक आईएफएस भी कर चुका है ऐसा कृत्य किंतु सरकार ने नहीं की थी कारवाई - 
इससे पहले बस्तर में पदस्थ एक आईएफएस अफसर भी इसी प्रकार की हरकत कर चुका है। उसने भी आधी रात के बाद (करीब 1.10 बजे) वहां की एक संभ्रांत महिला को वाट्सएप संदेश भेजकर कहा था कि वह उससे उसी समय मिलना चाहता है, क्योंकि मिलने का असली मजा तो उसी समय है। इस बात के सार्वजनिक होने के बाद भी विभागीय मंत्री महेश गागड़ा तथा विभाग के अपर मुख्य सचिव सी.के खेतान ने उस अफसर पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।