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कानपुर पुलिस की गुंडई फिर आई सामने, अबकी पत्रकार बने शिकार

कानपुर 12 अप्रैल 2018 (महेश प्रताप सिंह). जहां एक तरफ योगी सरकार पत्रकारों के बचाव की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ कानपुर पुलिस का रवैया कुछ इस तरीके का है कि योगी सरकार के दावे थोथे साबित हो जाते हैं। क्‍योंकि कानपुर पुलिस हमेशा पीडित पत्रकारों को ही मारती, गरियाती और धमकाती है, दबंगों को कभी कुछ नहीं कहती है।

हालत ये है कि कानपुर के 3 पत्रकार बाकरगंज चौराहे पर स्थित इण्यिन आयल के पेट्रोल पंप पर रात लगभग 1:00 बजे पेट्रोल भरवाने जाते हैं और वहां घटतौली कर रहे पेट्रोल पंप कर्मचारी विरोध करने पर बड़ी बदतमीजी से बात करते हैं, जब पत्रकार द्वारा कहा जाता है कि गाली गलौच से क्यों बात कर रहे हो तो पेट्रोल पंप कर्मचारी मिल कर पत्रकारों को मारने लगते हैं उसके बाद एक सज्जन स्‍थानीय बाबूपुरवा थाने फोन करते हैं और कहते हैं कि मेरे पेट्रोल पंप पर लूट हो रही है और हमेशा देर से आने वाली पुलिस यहां तत्‍काल प्राईवेट गाड़ी से सादी वर्दी में आती है। बगैर सोचे-समझे पत्रकारों को मारने लगती है और मारते हुए, घसीटते हुए थाने में लाकर बंद कर देती है। इस पूरी घटना में बाबूपुरवा पुलिस पीडित पत्रकारों को ही मारती है, दबंग पैट्रोल पम्‍प वालों को कुछ नहीं कहती है। 

यही नहीं जब पत्रकार साथी को देखने के लिए शुरू में 2 - 4 पत्रकार आते हैं तो उनसे भी पुलिस अभद्रता से बात करती है। उसके बाद में जब खबर चलने के पश्‍चात कानपुर नगर के कई पत्रकार संगठन एक साथ होकर थाने में पहुंचते हैं और वार्ता करने की कोशिश करते हैं, न्याय की गुहार लगाते हैं, तो थाना अध्यक्ष बाबूपुरवा का यह रवैया होता है कि वह बात करने को ही तैयार नहीं होते और पत्रकारों से गाली गलौज और अभद्रता से बात करते हैं। जिसका वीडियो पत्रकारों द्वारा बनाया गया है और सुरक्षित रखा गया है। 

पीडित पत्रकारों ने खुलासा टीवी को बताया कि इस पूरे प्रकरण में कहीं ना कहीं पेट्रोल पंप वालों की घटतौली में पुलिस की मिलीभगत नजर आती है क्‍योंकि सूत्रों के अनुसार पम्‍प मालिक सत्‍तापक्ष का करीबी है और एक भगवा नेता जी का खास चमचा है। और उन्‍नाव प्रकरण में साफ जाहिर हो चुका है कि पुलिस सत्‍ता पक्ष के नेताओं की गुलामी करने में हर हद पार कर सकती है। हमारा कानपुर के SSP महोदय से अनुरोध है मामले की जांच कराकर निष्पक्ष न्याय किया जाए, पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई जाए। सच सामने आ जायेगा।