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कानपुर - सट्टा चलता खुलेआम, पुलिस कर रही है आराम

कानपुर 12 जनवरी 2018 (सूरज वर्मा). शहर में इन दिनों खुलेआम चल रहे सट्टा कारोबार पर अंकुश न लगने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। शहर की घनी बस्‍ति‍यों में कई स्‍थानों पर चन्‍द पुलिसकर्मियों के संरक्षण में धडल्‍ले से चलाये जा रहे इस धन्‍धे से कई परिवार तबाह हो चुके हैं। सट्टे के कारोबारी इतने बेखौफ और दबंग हैं कि उनको न तो पुलिस का डर का है, न ही मीडिया का। 


ताजा मामला नजीराबाद थाना क्षेत्र का है, सूत्रों के अनुसार यहां के सरोजनी नगर, रंजीत नगर और मतैया पुरवा क्षेत्रों में धड़ल्‍ले से सट्टा कारोबार चलाया जा रहा है। बीते साल तत्‍कालीन एसएचओ नजीराबाद विवेक यादव ने छापेमारी करके यहां के सभी सट्टा कारोबारियों की हालत पतली कर दी थी, पर आरोपों के अनुसार आजकल स्‍थानीय थाने के लचर रवैये के चलते इलाके में सट्टा माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। 

सरोजनी नगर निवासी समीर शर्मा ने हमारे संवाददाता को बताया कि क्षेत्र में सट्टा माफिया खुले आम सट्टा एवं जुये का व्‍यापार चला रहे हैं। स्‍थानीय जनता ने इसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की, लेकिन पुलिस सट्टे बाजों को पकड़ने में नाकाम है। श्री शर्मा ने यह भी कहा कि विरोध करने पर ये लोग मारपीट और गाली गलौज पर उतारू हो जाते हैं, जिससे जनता में भय का माहौल व्‍याप्‍त है। 

स्‍थानीय जनता की माने तो इन सट्टा माफियाओं को प्रशासन का कोई डर नहीं है। कई अखबारों में इस प्रकरण से जुड़ी खबरें चलने एवं छापे पड़ने के बावजूद रंजीत नगर, सरोजनी नगर एवं मतैया पुरवा में अभी भी खुले आम सट्टा चल रहा है। आरोप तो ये भी लग रहे हैं कि सट्टा कारोबारियों से कुछ स्‍थानीय पुलिसकर्मियों की साठ-गांठ होने के कारण पुलिस इन पर कार्यवाही करने में कतराती है। 

कहते हैं कि पुलिसवाले अगर चाह ले तो उनके इलाके में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, अपराध करना तो दूर की बात है। एैसा नहीं है कि सारे पुलिस वाले बेईमान हैं, बहुत से ईमानदार भी हैं और उन्‍हीं के सहारे ये देश चल रहा है। पर अगर ईमानदारों का प्रतिशत थोड़ा सा और बढ जाये तो ये देश दौडने लगेगा।