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अल्हागंज - फुटपाथ पर अतिक्रमण बना जनता के लिए मुसीबत

अल्हागंज 18 दिसम्बर 2017. अल्हागंज मेन बाज़ार रोड में फुटपाथ पर अतिक्रमण दिनों दिन इतना बढ़ रहा है कि राहगीर वाहनों के बीच चलने को मजबूर हो रहे हैं। फुटपाथ को लोगों ने पार्किग स्थल के साथ ही सामान बेचने का शोरूम बना दिया है। इसके साथ ही निजी दुकानदार अपने प्रचार का स्टॉल फुटपाथ पर लगाकर राहगीरों के चलने में अवरोध पैदा कर रहे हैं। यह हाल सिर्फ एक जगह पर ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके में फुटपाथ पर लोगों ने बेशुमार अतिक्रमण किया हुआ है।


फुटपाथ पर अवैध रूप से अतिक्रमण लोगों के लिए सिर का दर्द बन गया है। अतिक्रमण हटाने के लिए जब यहां के स्थानीय निवासी संबंधित विभाग को शिकायत करते हैं तो उस समय विभाग लाचार स्थिति में नजर आता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, फुटपाथ पर अतिक्रमण रात दिन बढ़ता ही जा रहा है। दुकानदार अपनी दुकान की हद से आगे रखकर सामान बेच रहे हैं। बस स्टाप से लेकर गल्लामंडी तक ज्यादातर दुकानदार अपनी अपनी दुकानों के आगे फुटपाथ पर सब्ज़ी ठेले और खोखे रख्खे हैं। जिनसे वह दुकानदार हर महीने 1000 से 5000 तक शुल्क वसूलते हैं। 

पहले तो कई दुकानदार ही नाले को पार करते हुऐ रोड तक अपना अपना शोरुम बनाये हैं। उसके बाद जो फुटपाथ पर जगह बचती है उस जगह पर अतिक्रमण कराकर हजारों रुपये अलग से कमाते हैं। जिसके चलते राहगीरों के चलने के लिए जगह ही नहीं होती। तो ऐसे फुटपाथ का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। नगर पंचायत कार्यालय से बस स्टाफ तक फुटपाथ पूरी तरह अतिक्रमण के कब्जे में है। वहीं गल्ला मंडी न होने की वजह से गल्ला भी फुटपाथ पर उतारा जाता है। कभी-कभी तो सरकारी गाडियां, एम्बूलैंस, स्कूल वैन आदि इसी अतिक्रमण की वजह से लगे जाम में घण्टों फंसी रहती है। ये सब नगर पंचायत के अधिकारियों के नाक के नीचे होता है।

जनता की राय - 
 
फुटपाथ पर दुकानदारों ने पैसों के लिए अवैध अतिक्रमण करा रख्खा है। जिसके चलते राहगीरों के चलने तक की जगह नहीं बची है। फुटपाथ पर न चलकर लोग मुख्य सड़क पर चल रहे हैं। इस वजह से आए दिन दुर्घटनाएं होने का डर लगा रहता है।  नगर पंचायत और पुलिस इस समस्या से अनजान है। - बाबू लाल (स्थानीय निवासी)

अल्हागंज बस स्टाफ से नगर पंचायत कार्यालय तक  फुटपाथ पर लोगों ने बहुत ज्यादा अतिक्रमण किया हुआ है, राहगीर का फुटपाथ पर चलना दुर्भर हो गया है। फुटपाथ पर अतिक्रमण बिना सरकारी विभाग की मिलीभगत के हो नहीं सकता, कई बार अतिक्रमण को हटाने की शिकायतें भी की गई लेकिन कुछ नहीं हो सका। - गुलाब चन्द्र (स्थानीय निवासी)