Breaking News

कथित डर्टी सीडी के चंगुल में रमन सरकार, 3 और मंत्र‍ियों की सीडी से गरमाया बाज़ार

रायपुर 03 नवंबर 2017 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ में अभी एक मंत्री का डर्टी सीडी कांड खत्म हुआ नहीं कि मुख्यमंत्री रमन सिंह मंत्रीमंडल के तीन और मंत्रियों की सीडी बाजार में आने की खबर ने राजनीतिक गलियारा गरमा दिया है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि यह सीडी बाजार में आ गई है और जल्द ही व्हाट्सअप और दूसरे सोशल साइट्स में वायरल होने वाली है। हालांकि अधिकृत रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सीडी में मौजूद शख्स वाकई कोई मंत्री है या नहीं.

छग पुलिस सहित अन्य राज्यों की पुलिस भी कथित सेक्स कांड की डर्टी सीडी के इस दूसरे एपिसोड पर अपनी नजर जमाये हुए है। जबकि छग में पहली सीडी को लेकर मचा बवाल अभी तक थमा नहीं है। राज्य भर में छग शासन के मंत्री राजेश मूणत के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस, आप, छजकां व अन्य विपक्षी दल के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं।। 

राष्ट्रीय स्तर के न्यूज़ चैनल के संवाददाता सुनील नामदेव की नई रिपोर्ट के मुताबिक छग सरकार के तीन और मंत्रियों की कथित सेक्स कांड की सीडी जल्द ही वायरल होने वाली हैं, इस खबर ने भाजपा की चिंता कई गुना बढ़ा दी है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि तीनों मंत्रियों की कथित सीडी भी डर्टी है और जिन मंत्रियों का नाम लिया जा रहा, उन तीनों के रंगीनमिजाजी के चर्चे मंत्रालय से लेकर नौकरशाहों के बंगलों, अधिकारियों से लेकर पत्रकारों एवं विपक्षी दलों तक अक्सर सुर्ख‍ियों में रहते हैं।
वहीं अब राज्य की भाजपा द्वारा गुड गवर्नेस के खुद के मियां मिट्ठू बनने की असलियत भी परत दर परत खुलती जा रही है। बेलगाम मंत्री, अनियंत्रित नौकरशाहों एवं भ्रष्टाचारी अधिकारियों आदि को लेकर भाजपा सरकार  और लापरवाह बनी रही है, विगत कई वर्षों से तमाम तरह के मामले सामने आए मगर फिर भी मुख्यमंत्री ने कारवाई व लगाम लगाने की जरूरत नहीं समझी, जिसके चलते मंत्री निरंकुश हो गए और उसके परिणाम स्वरूप ऐसे ही डर्टी सीडी कांड सामने आता है। वर्तमान राज्य सरकार सहित भविष्य में भी बनने वाली सरकारों के लिए यह एक सबक है कि मंत्री और नौकरशाहों पर अगर मुखिया का नियंत्रण नहीं होगा तो नतीजा क्या प्राप्त हो सकता है। इससे मुखिया कोई सबक लेंगे या फिर ऊटपटांग बयानबाजी कर पार्टी को और गर्त में ले जाएंगे, ये तो आने वाला समय ही बताएगा।  फिलहाल कथित इन तीनों सीडी को लेकर वसूली की भी चर्चा है। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने यह सीडी बनाई है, वे मोटी रकम वसलूने की जुगत में हैं। मगर जिस तरह से अभी सीडी बनाने और रखने वालों पर पुलिस ने दबाव बनाया है उसे देख कर विरोधी खेमा इन सीडी को जारी करने को लेकर काफी सतर्क होगा या हो सकता है। 

कथित सेक्स कांड की सीडी का रहस्य - 
राज्य के पीडब्ल्यूडी, परिवहन व पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी के बारे में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि मुंबई के एक होटल की शेयर होल्डिंग और मालिकाना हक दिलाने की मांग को लेकर यह सीडी बाजार में आई। तो वहीं दूसरी तरफ कुछ दिनों पहले ही एक महिला से बीजेपी के एक रसूखदार शख्स की तू तू - मैं मैं भी हुई थी, वह भी मंत्री जी के बंगले में। इसके चंद महीने बाद ही यह सीडी सामने आई है। सीडी बनाने का मकसद मंत्री जी को ब्लैकमेल करना था या फिर संपत्ति में हिस्सेदारी, यह जांच का विषय है। वहीं दूसरी तरफ जिस महिला का सीडी में होने का हवाला दिया है उस महिला ने सामने आकर कहा कि मैं सीडी में नहीं हूं, मुझे बदनाम किया जा रहा है। मैं आत्महत्या कर लूंगी। 

कई बड़े पेंच तो कई सवाल - 
कांग्रेस के मुताबिक 14 साल के राज काज में मंत्री राजेश मूणत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। इसी संपत्ति के बंटवारे को लेकर सीडी धारकों ने राजेश मूणत को घेरने की कोशिश की है। बताया जाता है कि इस सीडी को लेकर सौदा भी अंतिम चरण में था। इस बात से पुलिस भी वाकिफ थी। अगर सीडी जारी हो जाती तो राज्य की भाजपा सरकार पर बदनामी का दाग लगना लाजमी था, इसलिए अज्ञात आरोपी के खिलाफ 26 अक्टूबर की शाम एफआईआर दर्ज होने के कई घंटो पहले छत्तीसगढ़ पुलिस दिल्ली रवाना हो चुकी थी। साफ है कि डर्टी सीडी को खपाने के लिए पहले से ही जोर आजमाइश चल रही थी। वरना पुलिस आनन फानन में ना तो दिल्ली जाती और ना ही मामले को तूल पकड़ने के बाद सीबीआई को सौंपा जाता।
सीबीआई  छत्तीसगढ़ पुलिस से कब इस मामले को अपने सुपुर्द लेगी, यह तय नहीं है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस हफ्ते के आखरी तक सीबीआई इस प्रकरण में दाखिल होगी। उसके पहले ही छत्तीसगढ़ पुलिस डर्टी सीडी कांड को तेजी से अंजाम तक पहुंचाने में जुटी है। इस सिलसिले में उसने आधा दर्जन और लोगों को अपनी हिरासत में लिया है। ये लोग भिलाई और दुर्ग जिले से पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। 

कथित सेक्स सीडी पर विपक्ष ने घेरा - 
कांग्रेस का आरोप है कि डर्टी सीडी असली है, तभी तो पुलिस आनन फानन में दिल्ली पहुंची और मंत्री जी भी तत्काल सफाई देने कैमरे के सामने आ गए। वहीं विपक्ष के मुताबिक, फेस सेविंग और मंत्री को पाक साफ साबित करने के लिए एक नकली सीडी को भाजपा ने जारी किया और पहली सीडी से उसका मिलान कर लोगों के बीच यह जोर शोर से तर्क दिया गया कि किसी ने साजिश के तहत किसी दूसरे व्यक्ति के चहरे पर मंत्री मूणत का चेहरा चस्पा कर दिया और डर्टी सीडी वायरल की। 

पत्रकार की गिरफ्तारी कर बुरी फंसी पुलिस - 
फिलहाल पत्रकार विनोद वर्मा की तरफ से अदालत में पेश की गई दफा 156 (3) की अर्जी पुलिस के लिए सिर दर्द बन गई है।  अदालत में पत्रकार वर्मा की ओर से कहा गया कि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है, बल्कि उसने उन्हें फंसाने के लिए साजिश रची है। जज ने 31 अक्टूबर को पुलिस रिमांड खत्म होने के दौरान भरी अदालत में पुलिस से पूछा था कि उसके पास विनोद वर्मा के खिलाफ कोई ठोस सबूत है। इस पर पुलिस की सांसे फूल गईं और उसने सबूत पेश करने के लिए 13 नवंबर तक का समय मांगा। बहरहाल असली और नकली सीडी के बीच की असलियत और सीडी का सच सामने लाने के साथ-साथ इसे बनाने के मकसद का खुलासा भी सीबीआई के समक्ष बड़ी चुनौती है। 

सीबीआई जांच अन्य मामलों में इंकार, इसमें इकरार, क्यों ?
पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी के मामले को सीबीआई को सौंपने के बावजूद आखिर क्यों छत्तीसगढ़ पुलिस इतनी दिलचस्पी दिखा रही है, यह लोगों के गले नहीं उतर रहा है। वहीं सवाल ये भी उठाए जा रहे कि फर्जी मुठभेड़ और महाकाय घोटालों के मामलों में सीबीआई से जांच कराए जाने की मांगों को स्वीकृति नहीं देने वाली रमन सरकार ने डर्टी सीडी के मामले को तुरंत सीबीआई को सौंप देना भी आश्चर्य चकित कर रहा। वो भी तब, जब सरकार ये साबित कर रही कि एडिटिंग कर कथित सीडी तैयार की गई है। हालांकि इससे भी गंभीर मामला अंतागढ़ खरीद फरोख्त टेप कांड था, जिसमें सीबीआई जांच की मांग उठी थी मगर रमन सरकार ने इंकार कर दिया।

इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक फर्जीवाड़े में भी सीबीआई जांच की मांग को रमन सरकार ने अस्वीकृति करते हुए विशेष गठित टीम से ही कराया जाना तय किया। जब इतने बड़े स्कैम और कांड की जांच को सीबीआई से कराने की बजाए रमन सरकार द्वारा गठित विशेष टीम से कराया जाना तय किया गया तो कथित डर्टी सीडी कांड की जांच को भी विशेष टीम का गठन कर कराया जाना चाहिए था क्योंकि जब रमन सरकार को गठित विशेष टीम पर सीबीआई से ज्यादा विश्वास है तो इस मामले में सरकार का विश्वास कमजोर क्यों हो गया। इस बात से पूर्व के बड़े घोटाले व स्कैम के मामलों की जांच पर संदेह उत्पन्न होना लाज़मी है ।