कोर्ट से छुड़वाने वाले सैकड़ों फर्जी जमानतदार, दुर्ग पुलिस ने रैकेट का भंडाफोड़ कर 3 को किया गिरफ्तार
रायपुर 20 नवंबर 2017 (हेमंत उमरे). दुर्ग जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। न्याय पालिका में भी फर्जीवाड़ा चल रहा था जिसमें दुर्ग पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया जो फर्जी जमानतदार बनकर आरोपियों को जमानत दिलाने का काम करता और बदले में मोटी रकम वसूलते थे।
ये फर्जी जमानतदार इतने शातिर थे कि प्रत्येक केस और हर जमानत के हिसाब से कागजात में फेरबदल कर लिया करते और इस काम के लिए ना सिर्फ फर्जी दस्तावेज बल्कि एसडीएम और तहसीलदार के सील मुहर व हस्ताक्षर तक का फर्जी तरीके से इस्तेमाल करते थे। हैरानी का विषय तो ये है कि उक्त फर्जी गिरोह ना सिर्फ दुर्ग बल्कि राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर सहित राज्य के अन्य जगहों पर भी सक्रिय है वहीं अनुमानित दर्जन से भी अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
ये फर्जी जमानतदार इतने शातिर थे कि प्रत्येक केस और हर जमानत के हिसाब से कागजात में फेरबदल कर लिया करते और इस काम के लिए ना सिर्फ फर्जी दस्तावेज बल्कि एसडीएम और तहसीलदार के सील मुहर व हस्ताक्षर तक का फर्जी तरीके से इस्तेमाल करते थे। हैरानी का विषय तो ये है कि उक्त फर्जी गिरोह ना सिर्फ दुर्ग बल्कि राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर सहित राज्य के अन्य जगहों पर भी सक्रिय है वहीं अनुमानित दर्जन से भी अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
फर्जी ऋण पुस्तिका पकड़ाई, खोजबीन हुई शुरू -
दरअसल कुछ दिन पहले पुलिस को ऋण पुस्तिका से जमानत लेने वाले जमानतदार का नाम और पता फर्जी होने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद पुलिस का माथा ठनका और पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच आगे बढ़ायी। मुखबिरों को सक्रिय किया गया तथा सूचना पर पुलिस ने सभी संदेहियों पर नजर रखनी शुरू की, जो ऋण पुस्तिका के साथ जमानत के लिए कोर्ट परिसर में घूमते रहते और एक से अधिक बार जमानत के लिए प्रस्तुत होतें। ऐसे कई संदेहियों द्वारा जमानत के लिए प्रस्तुत ऋण पुस्तिकाओं की जब पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू की तब पता चला कि इन लोगों के पास खुद की जमीन ही नहीं है, वहीं ऐसे लोगों के नाम वाली ऋण पुस्तिका व क्रमांक नंबर का उपयोग किया जाता जिसमें से पचास फीसदी क्रमांक नंबर मौजूद थे परंतु भूमि, स्थल और रकबा भिन्न होता था। पुलिस ने सूचना हासिल कर पुख्ता सबूत इकठ्ठा करने के बाद संजय द्वेदी उर्फ गुड्डा महाराज को हिरासत में लेकर पुछताछ शुरू की।
सख्ती से पूछताछ, रैकेट का खुलासा -
पुलिस ने जब अपने तरीके से सख्ती से पुछताछ शुरू की तो संजय ने अपनी करतूत स्वीकार करते हुए बताया कि वो अलग-अलग लोगों को पैसे के एवज में जमानतदार बनाकर कोर्ट में पेश किया करता था। ऐसा वह दो दर्जन से भी अधिक बार कर चुका था जिसमें आसानी से प्रत्येक जमानत पर पांच से दस हज़ार रूपए प्राप्त कर लेता।
106 फर्जी ऋण पुस्तिका व मुहर बरामद -
आरोपी के घर से 67 फर्जी ऋण पुस्तिका व तहसीलदार की सील-मुहर बरामद की गयी है। संजय ने अपने गुनाह को कबूल करते हुए पुलिस को बताया है कि इस घटना में 10 से 15 लोग शामिल हैं, जो रायपुर-दुर्ग में इसी तरह के काम किया सकते है। अभी तक इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 106 ऋण पुस्तिका भी बरामद की गयी है। गिरफ्तार युवकों में संजय के अलावा राजकुमार मेश्राम, विनोद निषाद का नाम शामिल है।