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पैट्रोल पंप वालों की जारी है मनमानी, सिक्के लेने में करते हैं आनाकानी

कानपुर 03 अक्‍टूबर 2017 (विशाल तिवारी). शहर के पेट्रोल पंप वाले खुद को शायद नियम कानूनों से ऊपर मानते हैं। इसका प्रत्‍यक्ष प्रमाण है कि पिछले कई दिनों से रिजर्व बैंक के निर्देशों को ताक पर रखते हुये कानपुर के पेट्रोल पंप संचालकों ने सिक्के ना लेने की परंपरा बना ली है। प्रशासन ने भी इस मसले पर चुप्पी साध रखी है।



भारतीय मुद्रा का मजाक उड़ाते हुए पेट्रोल पंप पर ग्राहकों से कहा जाता है की यहाँ सिक्के नहीं चलते, सिक्के सब्जी खरीदने के लिए होते हैं ना की पेट्रोल व डीजल खरीदने के लिए। कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र स्थित क्वालिटी फ्यूल प्वाइंट पर 10 रुपये के सिक्कों के साथ-साथ अब 1 व 2 रुपये के सिक्के भी नहीं लिए जा रहे हैं। यहाँ पेट्रोल लेने आये प्रमोद वर्मा नामक युवक ने खुलासा टीवी को बताया की वह अपनी गाड़ी में २० रुपये का पेट्रोल डलवाने आये थे। लेकिन पेट्रोल पंप पर मौजूद कर्मचारी ने यह कहते हुये पेट्रोल देने से मना कर दिया की पेट्रोल पंप मालिक ने और स्टेट बैंक के मैनेजर से सिक्के लेने से मना किया है। कर्मचारी ने सारा दोष अपने बैंक पर मढ़ दिया।

सवाल आखिर यह उठता है की नोटबंदी के दौरान जहाँ कई पेट्रोल पंप मालिकों को 1000 व 500 रुपये के अनलिमिटेड नोट जमा कराने की छूट सरकार व बैंकों ने दी थी जिसके बाद कई पेट्रोल पंप मालिकों ने अपने साथ-साथ दूसरों का भी पैसा बैंकों में जमा कराया और उसके बदले में तय कमिशन भी वसूल किया। आज वही पेट्रोल पंप वाले उसी सरकार पर अपना सारा दोष मढ़ते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह है की प्रशासन इस मसले पर क्या निर्णय लेता है और आखिर पेट्रोल पंप मालिकों पर कब तक सरकार कार्यवाही नहीं करती है।