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स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारक के चारों ओर व्‍याप्‍त है भीषण गंदगी

जांजगीर-चांपा 23 सितंबर 2017 (रवि अग्रवाल). छग के अलग अलग जिलों के तहसील एवं ब्लाक, जिन्हें राज्य सरकार सम्पूर्ण स्वच्छता का प्रमाण-पत्र दे रही, में गंदगी की भरमार पड़ी है और कागजों में स्वच्छता अभियान के सभी मानक एवं मापदंड को पूरा करना दर्शाकर संपूर्ण स्वच्छता क्षेत्र का प्रमाण-पत्र प्राप्त किए जाने के मामले बराबर सामने आ रहे, मगर फिर भी सरकार जाने किस नशे में चूर है कि ऐसे फर्जी और बोगस क्षेत्रों को सम्पूर्ण स्वच्छता प्रमाण पत्र प्रदान करती जा रही है।


इसी क्रम में नया मामला जिला जांजगीर-चांपा के जनपद पंचायत अकलतरा का है, जिसमें पंचायत कार्यालय एवं परिसर में वीर शहीद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारकों के चारों ओर गंदगी का ढेर लगा हुआ है। हैरानी की बात है कि अकलतरा को बीते 15 अगस्त को संपूर्ण स्वच्छता अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उत्कृष्ट जनपद पंचायत का प्रमाण पत्र मिला है। लेकिन सम्पूर्ण स्वच्छता की असली हकीकत क्या है यह इससे समझी जा सकती है कि जनपद परिसर में ही गंदगी की भरमार है। 

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान या अपमान - 
हद की बात तो यह है कि जनपद परिसर में क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में स्थापित किए गए स्मारक के चारों ओर गंदगी, कूड़े और पॉलीथिन का ढेर लगा हुआ है, स्मारक के चबूतरे पर गौमूत्र एवं गोबर, पीछे के हिस्से में मूत्र विसर्जित किया जाता है, नाश्ते का अवशेष, पॉलीथिन और सड़े-गले पदार्थ दूर तक बिखरे पड़े हैं। रात में तो शराबियों का जमघट लगा रहा रहता है तो वहीं दिन में भी लोग शराब पीने के लिए स्मारक के चबूतरे पर बैठे दिखाई देतें हैं। यह हालत एक स्मारक की नहीं बल्कि अधिकांश स्मारकों की हालत ऐसी ही है। जो यह साबित करती है कि जनपद क्षेत्र में संपूर्ण स्वच्छता अभियान केवल कागजों में है। 

परिसर में कई कार्यालय एवं न्यायालय - 
जनपद पंचायत अकलतरा के परिसर में जनपद कार्यालय के अलावा कृषि विभाग का कार्यालय, सिविल न्यायालय सहित कई शासकीय कार्यालय संचालित हैं। परिसर के भीतर मुख्य गेट के पास ही बदबूदार कूड़े का ढेर जमा है, वहीं कक्ष के सामने सीढ़ी के बाजू में शराब की खाली बोतलें, प्लास्टिक गिलास, पाउच एवं अन्य सामान काफी दूर तक फैला हुआ है। वहीं जनपद कार्यालय के ठीक सामने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए एक स्मारक स्थापित किया गया है, जिसमें अकलतरा विकासखंड क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और सेनानियों का नाम अंकित है। इस स्मारक को स्थापित करवाने का उद्देश्य रहा होग कि स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों को याद कर उनका सम्मान करें। हालांकि राजनैतिक दलों के लिए साल भर में एक बार साफ सफाई और मीडिया में खुद को प्रचारित करने के अवसर के अलावा कुछ नहीं, वहीं नये युग के युवाओं के लिए इन सेनानियों की कोई खास अहमियत नहीं तो उनके सम्मान में बने स्मारकों की कितनी अहमियत होगी, ये तो समझा ही जा सकता है। 

संपूर्ण स्वच्छता प्रमाण-पत्र पर प्रश्न चिन्ह - 
गौर करने वाली बात यह है कि अकलतरा जनपद पंचायत को हाल ही में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छग शासन द्वारा संपूर्ण स्वच्छता अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ है। पुरूस्कार प्राप्ति के मायने यह है कि अकलतरा जनपद क्षेत्र में संपूर्ण स्वच्छता आ गई है, खासकर शासकीय कार्यालयों, भवनों, थाना, स्कूल, चिकित्सालय, बस स्टैंड, मोहल्ले, चौक चौराहे एवं गलियों में। लेकिन जब सबसे खास स्थल जनपद परिसर ही स्वच्छ नहीं है तो अन्य स्थलों एवं गांवों में स्वच्छता की स्थिति क्या होगी, यह विचारणीय तथ्य है। वहीं इससे ये भी साबित होता है कि सरकार आंखें बंद कर, बिना मॉनीटरिंग के, सिर्फ विभागीय कागजों के आधार पर संपूर्ण स्वच्छता अभियान के अंतर्गत प्रमाण-पत्र बांटे जा रही है, इस तरह के कई मामले सामने आने से संपूर्ण स्वच्छता प्रमाण-पत्र एवं सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगने लगा है। 

सभी जिम्मेदार लापरवाह व गैरजिम्मेदार - 
दूसरी ओर, जनपद परिसर में जनपद अधिकारियों के अलावा न्यायालय स्थापित होने से न्यायाधीशों एवं जनप्रतिनिधियों का प्रतिदिन आना-जाना होता है लेकिन आज तक न ही अधिकारियों, न ही न्यायाधीश और न ही जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान देने जरूरत समझी है। सभी अपनी आंखें बंद कर आना जाना करते हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सभी न्यायाधीशों को अपने न्यायालय परिसर को साफ-सुथरा रखने का सख्त आदेश दिया है।