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पीयूसीसीएल ने की आंदोलन कर रहे किसान नेताओं को रिहा करने की अपील

छत्तीसगढ़ 22 सितंबर 2017 (जावेद अख्तर). पीयूसीएल के अध्‍यक्ष डॉ. लाखन सिंह ने आज यहां कहा कि छत्तीसगढ़ में किसान आंदोलन को बर्बरतापूर्वक कुचलने पूरे राज्य में धारा 144 लगाने, करीब 400 किसान नेताओं की अलोकतांत्रिक गिरफ्तारी और गांव गांव में किसानों को बाहर न निकलने देने की तानाशाही पूर्वक कार्यवाही की छत्तीसगढ़ पीयूसीएल तीव्र निंदा करता है।


उन्‍होंने यह भी कहा कि उनका संगठन छत्तीसगढ़ सरकार से  मांग करता है कि तुरन्त किसानों को जेल से रिहा किया जाए तथा स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाये, पांच साल का बोनस, वास्तविक लागत मूल्य, कर्ज़ माफी और जिन किसानों ने आत्महत्या की है उन्हें समुचित मुआवजा दिया जाए। 

पिछले एक साल से छग के किसान आंदोलनरत है, इसके तहत ही 19 सितम्बर से किसान संकल्प यात्रा  होंनी थी जो 21 को रायपुर पहुंचती, साथ ही मुख्यमंत्री के घेराव की घोषणा की थी। इससे घबराकर प्रशासन दमन पर उतर आया और राज्य के 7 जिलों में धारा 144 लगा दी, तीन चार दिन पहले से ही किसान नेताओं को गिरफ्तार करना शरू कर दिया, गांव गांव मुनादी करवाई गई कि कोई किसान आंदोलन में रायपुर नही जाएगा, और तो और गांव के बाहर तथा मुख्य सड़कों पर बेरिकेट लगा दिए गए, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन को घेर लिया गया जिससे कि कोई किसान बस या  ट्रेन में न चढ़ पाये। सायकल स्टैंड को मोटर सायकल या सायकल 10 की ज्यादा संख्या में रखने पर रोक लगा दी गईं। रायपुर में धरना स्थल को पुलिस छावनी में बदल दिया गया। जो भी जहाँ था उसे वहीं  रोकने की भरपूर कोशिशें की मगर फिर भी किसान आंदोलन शुरू हुआ, राजनांदगांव, कवर्धा, धमतरी, बिलासपुर, बस्तर, दुर्ग भिलाई, बेमेतरा आदि सभी जिले में किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन एवं रैली निकालकर रमन सरकार की भर्त्सना की गई और सरकार की सारी कार्यवाही अलोकतांत्रिक और तानाशाही का प्रतीक हैं। 

किसान नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए क्राइम ब्रांच का स्तेमाल किया गया जो बेहद अपमानजनक तरीके से गंभीर अपराधियों की तरह छापामार शैली में पकड़ रहे  है, घरों पर पहरा बैठा दिया गया था, घर से निकलते ही क्राइम ब्रांच की गाड़ी पीछा कर रही है, राज्य के 7 जिलों में आपातकाल की स्थिति निर्मित कर दी गई है। 

अभी तक गिरफ्तार किए गये नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रमुख आदिवासी नेता अरविंद नेताम, समाजवादी नेता आनंद मिश्रा, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला, किसान महासंघ के संकेत ठाकुर, राजनांदगांव किसान संघ के प्रमुख नेता सुदेश टीकम, रमाकांत बंजारे, सीएमएम के नेता जनकलाल ठाकुर, सीपीआई एम के राज्य सचिव संजय पराते, तेजराम विद्रोही, महिला मंच की दुर्गा झा, चन्दू साहू, छन्नू साहू, छत्तीसगढ़ पीयूसीएल के अध्यक्ष डॉ.लाखन सिंह, महासचिव सुधा भारद्वाज आदि ने अपनी अपनी बातें रखीं।

* छत्तीसगढ़ पीयूसीएल किसान आंदोलन में अपनी सहभागिता प्रगट करता हैं और सभी किसानों की रिहाई की मांग करता है,साथ ही सरकार की दमनपूर्वक कार्यवाही की निंदा करता है। - डॉ. लाखन सिंह, अध्यक्ष, पीयूसीएल