शिक्षक दिवस पर गुरुजनों को मिली सरकारी लाठियां, महिलाओं सहित कई घायल
लखनऊ 05 सितम्बर 2017 (ए.एस खान). शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सरकार ने आज अजीबो गरीब तोहफा दिया है।
39 माह का वेतन मांगने पर आज शिक्षकों को पुलिस की लाठियां खानी पडीं, जिसमें कई शिक्षक घायल हुये। शिक्षक दिवस के अवसर पर गरीब शिक्षकों को यह सरकारी सम्मान राजधानी में कौतूहल और क्रोध का विषय बना हुआ है।
लखनऊ शिक्षक दिवस पर जहां एक एक ओर राष्ट्र शिक्षकों का का सम्मान एवं अभिनन्दन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिक्षकों पर लाठियां भांजी गई जिसमें महिलाओं सहित कई शिक्षक घायल हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार अपनी 39 माह की बकाया सैलरी की मांग को लेकर राजधानी लखनऊ में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में महिला शिक्षकों सहित अनेक शिक्षक बुरी तरह घायल हो गये। सनद रहे की उत्तर प्रदेश में शिक्षकों को पिछले 39 माह से वेतन नही मिला है। वेतन भी कितना मात्र 2000/- रूपये प्रति माह ऐसे में मंहगाई के इस दौर में 2000 रूपये में शिक्षक कैसे गुजर करते होंगे समझा जा सकता है। उसपर सितम ये की 39 महीने से वो दो हजार रुपये की सैलरी भी सरकार रोके बैठी है। भूखमरी के मुहाने पर बैठे शिक्षकों ने जब अपने बकाया वेतन के लिए आवाज उठाई तो सरकार ने दमनात्मक तरीके से उसको कुचल दिया तथा आंदोलित शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया। शिक्षक दिवस के अवसर पर गरीब शिक्षकों को यह सरकारी सम्मान राजधानी में कौतूहल का विषय बना हुआ है।
लखनऊ शिक्षक दिवस पर जहां एक एक ओर राष्ट्र शिक्षकों का का सम्मान एवं अभिनन्दन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिक्षकों पर लाठियां भांजी गई जिसमें महिलाओं सहित कई शिक्षक घायल हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार अपनी 39 माह की बकाया सैलरी की मांग को लेकर राजधानी लखनऊ में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में महिला शिक्षकों सहित अनेक शिक्षक बुरी तरह घायल हो गये। सनद रहे की उत्तर प्रदेश में शिक्षकों को पिछले 39 माह से वेतन नही मिला है। वेतन भी कितना मात्र 2000/- रूपये प्रति माह ऐसे में मंहगाई के इस दौर में 2000 रूपये में शिक्षक कैसे गुजर करते होंगे समझा जा सकता है। उसपर सितम ये की 39 महीने से वो दो हजार रुपये की सैलरी भी सरकार रोके बैठी है। भूखमरी के मुहाने पर बैठे शिक्षकों ने जब अपने बकाया वेतन के लिए आवाज उठाई तो सरकार ने दमनात्मक तरीके से उसको कुचल दिया तथा आंदोलित शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया। शिक्षक दिवस के अवसर पर गरीब शिक्षकों को यह सरकारी सम्मान राजधानी में कौतूहल का विषय बना हुआ है।