कानपुर - अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है चुन्नीगंज बस अड्डा
कानपुर 17 जुलाई 2017 (हरिओम गुप्ता). कुछ जगहों पर लोग ठीक नहीं होते तो कुछ जगहों पर व्यवस्थायें। ये भी कह सकते हैं कि लोग ही व्यवस्थाओं को ठीक नहीं करना चाहते हैं। चुन्नीगंज स्थित बस अड्डा जो
कभी गुलज़ार हुआ करता था, अब बदहाल अवस्था से जूझ रहा है। यहां से बसों का
आवागमन कम हो गया है, साथ ही इसके रख-रखाव का जिम्मा जिन लोगों पर है वो सिर्फ अपनी जेबें भर रहे है और यहां की व्यवस्था दिन पे दिन बिगडती जा रही
है।
चुन्नीगंज का बस स्टाॅप आजकल अव्यवस्थाओं से जूझ
रहा है। ऐसा नहीं है कि यहां स्टाफ मौजूद नहीं है या पैसों की कमी है, लेकिन
आपसी बंदरबांट के चलते बस स्टाॅप का सुन्दरीकरण नहीं हो पा रहा है। मौजूदा
हालात यह कि यहां न तो प्रतिदिन सफाई होती है, चारों तरफ गड्डे हो गये है,
नाले खुले पडे है, गंदगी और बदबू के बीच यात्रियों का खडे होना हराम हो
चुका है। बताया जाता है कि बीते दो महीनों से यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं
है। नल सूखे पडे हैं जिनसे एक बूंद पानी नहीं निकलता तो हैण्डपंप से कीचड
निकल रहा है। सूत्रों की मानें तो बस स्टाॅप की पुताई और सफाई के लिए जो
रूपया आया है वह आपसी बंदरबांट की भेंट चढ गया और दीवारों पर महज खानापूर्ति
के लिए दाेयम दर्जे की पुताई करा दी गयी। वहीं अधिकारी ने अपने कमरे को
मेनटेन करा रखा है। गंदगी के बीच बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्रियों
को बस स्टाॅप के बाहर से मंहगा पानी खरीदना पड रहा है और पानी की व्यवस्था
ठीक न कराने का यह भी एक कारण है जहां से स्टाफ कर्मियों को पानी और मसाला
फ्री में मिलता है।
नाम न छापने क शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि नगर
निगम से एक टैंकर मंगाकर रविवार को यहां खडा किया गया है, लेकिन यात्रियों
ने उसका पानी पीने से मना करते हुए कहा कि पता नहीं कैसा और कहां का पानी हो।
वहीं यह भी बताया कि बस अड्डे की पुताई आदि के लिए लाखों रूपये आये हैं लेकिन
काम ढेले भर का नहीं किया जा रहा है, महज खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली गयी
है। सूत्रों की माने तो यहां माल ढुलाई का काम किया जाता है, जरूरत से
ज्यादा डयूटी दर्शायी जाती है और जमकर बाहरी व्यापारियों से वसूली की जाती
है। पूरे बस अड्डे की दुर्दशा के लिये यहीं के अधिकारी व स्टाफ ही जिम्मेदार हैं।