मोदी से लेकर राहुल तक की एंट्री कानपुर के इस मंदिर में बैन है
कानपुर 07 जून 2017 (अमित राजपूत). कानपुर में एक शनि मंदिर है जहां नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, मायावती, अखिलेश सहित कई बड़े नेताओं की एंट्री बैन है। यही नहीं, मंदिर में कई अफसरों और जजों के भी फोटो लगाए गए हैं जिनकी एंट्री बैन है। इन सभी लोगों को भ्रष्ट सिस्टम का हिस्सा बताया गया है। गौर करने वाली बात ये है कि योगी आदित्यनाथ की एंट्री पर बैन नहीं लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार कानपुर यूनिवर्सिटी के पीछे भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर है। यहां कई नेताओं और अफसरों की एंट्री बैन है। इस मंदिर का निर्माण करवाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रॉबी शर्मा ने खुलासा टीवी को बताया कि देश में बढ़ते भ्रष्टाचार से ऊबकर उन्होंने साल 2012 में इस मंदिर का निर्माण कराया था। इसका उद्घाटन दिव्यांग पवन राणे बाल्मीकि से कराया गया था। मंदिर में शनि देव की तीन मूर्तियों के साथ ब्रह्मा की मूर्ति ऐसे रखी गयी है, जिससे लगता है कि ब्रह्मा सीधे शनि देव को देख रहे हों। इन मूर्तियों के साथ ही एक मूर्ति हनुमान जी की भी स्थापित की गई है, क्योंकि कहा जाता है कि हनुमान भक्तों पर शनि की विशेष कृपा होती है।
रॉबी शर्मा ने यह भी कहा कि लोग भ्रष्ट अधिकारियों, नेताओं-मंत्रियों और जजों को भगवान ना समझें, उनका बहिष्कार करें। इसलिए मंदिर में भ्रष्टाचारियों की एंट्री पर बैन है। इन लोगों की मंदिर में बाकायदा फोटो भी लगाई गई है। मंदिर के इंट्री गेट पर लिखा है - ''अगर आपकी कोई मनोकामना पूरी होती है तो मंदिर में घंटा आदि चढ़ाकर हमें चौकीदार न बनाएं। इसकी जगह गरीब बच्चों को स्कूल बैग बांट दें। इस मंदिर में लाउडस्पीकर लगाकर पड़ोसियों की शांति भंग नहीं की जाती। यह निजी मंदिर है। प्रवेश के अधिकार प्रबंधन के पास सुरक्षित हैं, यह आम जनता के लिए खुला है लेकिन पूर्व और वर्तमान IAS, PCS, मंत्री, सांसद, विधायक और जजों की एंट्री यहां बैन है। इस शर्त की 20 साल बाद अगर स्थिति सुधरी तो दोबारा समीक्षा की जाएगी।''
इन नेताओं और अफसरों की मंदिर में लगी है फोटो -
मंदिर में यूपी के करीब 8 अधिकारियों और देश के 55 प्रमुख नेताओं के फोटो लगे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के साथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पी चिदंबरम, शीला दीक्षित, नितिन गडकरी, और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिगज्जों को भ्रष्ट नेताओं में शामिल किया गया है। इसके अलावा बसपा सुप्रीमो मायावती, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का भी फोटो शामिल है। जजों और प्रमुख वकीलों के फोटो भी लगाए गए हैं, जिन्हें भ्रष्ट माना गया है। मंदिर में कानपुर के पूर्व डीएम कौशल राज शर्मा, यूपी के प्रमुख सचिव आलोक रंजन और कानपुर विकास प्राधिकरण की पूर्व उपाध्यक्ष जयश्री भोज का फोटो भी लगा है।
मंदिर में प्रसाद चढ़ाना है मना -
रॉबी शर्मा ने बताया कि मंदिर में भ्रष्टाचारियों की एंट्री बैन है, लेकिन आम जनता के लिए इस मंदिर का दरवाजा हमेशा खुला है। यहां प्रसाद चढ़ाना या रुपया चढ़ाना मना है, साथ ही शनिदेव को तेल चढ़ाना भी मना है। किसी ब्राहमण को मंदिर के पुरोहित के रूप में नहीं रखा जाता है, बल्कि किसी अनुसूचित जाति के युवक को ही इस मंदिर का पुजारी बनाया जाता है। मंदिर की देख-रेख करने वाले दीनदयाल ने बताया कि यह मंदिर शनिवार को आम जनता के लिए खुलता है।