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पत्नी से दुष्कर्म व हत्या करवाने वाले पति को सहयोगी समेत आजीवन कारावास

छत्तीसगढ़ 19 अप्रैल 2017 (रवि अग्रवाल). अतिरिक्‍त सत्र न्‍यायाधीश/रायगढ़ फास्ट ट्रैक की अदालत में  पत्नी से दुष्कर्म व हत्या करवाने वाले पति के मामले में 2 अभियुक्तों को मामले में दोषी पाते हुए माननीय न्‍यायाधीश श्रीमती ममता शुक्‍ला ने आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

               
मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम किदा थाना छाल निवासी रामनारायण सारथी ने दिनांक 5 मई 2014 को थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 7 वर्ष पूर्व ग्राम कोरकोमा की महिला से प्रेम संबंध होने पर उसे दूसरी पत्नी बनाकर घर में ले आया, जिसके साथ पहली पत्नी लड़ाई झगड़ा करती थी, जिसे देख पहली पत्नी को घर में छोड़कर दूसरी पत्नी के साथ गांव के सिदार पारा में मकान बना निवासरत था, कि दिनांक 04.09.2014, रात्रि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा दूसरी पत्नी का गला रेत कर हत्या कर दिया गया है।
उक्त रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरुद्ध थाना छाल में अपराध क्रमांक-80/14 अंतर्गत धारा 302 भा.द.वि. के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक एम.आर रात्रे द्वारा की गई। विवेचना के दौरान थाना प्रभारी रात्रे को मृतिका के पति रामनारायण तथा उसके साथी परमेश्वर चौहान की गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत हुई, जिन्हें हिरासत में ले अलग अलग पूछताछ किया गया। जिसमें मृतिका के पति रामनारायण सारथी ने बताया कि दिनांक घटना को ग्राम बेहरामार नाचा (स्टेज प्रोग्राम) देखने के बाद ग्राम किदा वापस आए। घर का दरवाजा अंदर से बंद होने पर पीछे से मकान में प्रवेश किए, उस समय मृतिका सोई हुई थी जिसे देख परमेश्वर चौहान उससे गलत काम करना चाहा, जिसमें रामनारायण सारथी ने उसकी मदद की, विरोध पर उसके पश्चात परमेश्वर चौहान रामनारायण की पत्नि के दोनों पैर को दबाया हुआ था और रामनारायण सारथी ने अपनी पत्नि के गले को चाकू से रेत कर उसकी हत्या कर दिया।
आरोपियों के कबूलनामे पश्चात प्रकरण में धारा 376, 34 विस्तारित कर आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी - धरमजयगढ़ के न्यायालय में धारा 376, 302, 34 भारतीय दंड विधान के तहत अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। जहां से उपार्पित होकर प्रकरण अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट रायगढ़ के न्यायालय में विचारण हेतु प्राप्त हुआ। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त एवं आरोपीगण के अधिवक्ताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए अभियोजन साक्षियों के प्रतिपरीक्षण, दस्तावेज़ भौतिक एवं रासायनिक साक्षी का सूक्ष्मता विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया कि आरोपी रामनारायण द्वारा चाकू जैसे धारदार हथियार से मृतिका के गले पर संघातिक चोट पहुंचाई गई है तथा जिस अंग पर चोट पहुंचाई गई है वह वाइटल पार्ट है, यह जानते हुये भी कि इन परिस्थितियों से निश्चित रुप से महिला की मृत्यु होना निश्चित है, इनके द्वारा घटना कारित किया गया।

आरोपी रामनारायण सारथी के साथ मृतिका पत्नी के रूप में निवासरत थी हालांकि दोनों का परस्पर विधिवत विवाहित नहीं थे, ऐसे में आरोपी परमेश्वर चौहान के द्वारा मृतिका के साथ बलात्कार किया गया है जिसमें आरोपी रामनारायण सारथी के द्वारा उसका पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया है तदनुसार अभियुक्‍तगण को प्रकरण का दोष सिद्ध पाते हुये, आरोपी रामनारायण सारथी एवं परमेश्वर चौहान को धारा 376 भा.द.वि. के आरोप में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹5000-5000 का अर्थदंड तथा 302 भा.द.वि. के आरोप में अभियुक्तगण को आजीवन कारावास एवं ₹5000-5000 रुपए का अर्थदंड से दंडित किया गया है। अभियुक्तगण द्वारा अर्थदंड की अदायगी में चुक करने पर 6-6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुक्ताई जाएगी। मामले में अभियोजन की ओर से राजीव बेरीवाला अपर लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई।