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शासन की महत्वाकांक्षी योजना 'हमर छत्तीसगढ़' में बड़ी गड़बड़ी उजागर

छत्तीसगढ़ 16 अप्रैल 2017 (जावेद अख्तर). छग प्रदेश में भ्रष्टाचार किस स्तर तक पहुंच चुका है, वह इससे साफ समझ आता है कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं​ में भी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। इसी का एक नमूना 'हमर छत्तीसगढ़ योजना' में देखने को मिला जहां नियमों का उल्लंघन किया गया और इसके एवज में ट्रैवल्स कंपनी को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया। जांच के लिए आई महालेखाकार की तीन सदस्यीय ऑडिट टीम ने निविदा लेने वाली ट्रैवल्स कंपनी को किए गए 20 लाख रुपए के भुगतान पर आपत्ति दर्ज कराई है।


सूत्रों के अनुसार भ्रमण पर जाने वाले किसी भी जनप्रतिनिधि का रजिस्टर में नामों का उल्लेख नहीं है और न ही उनके हस्ताक्षर लिए गए है। वहीं सरकार की भी जमकर किरकिरी हुई है क्योंकि मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस का बखान किया था और उन्होंने कहा कि सरकारी ​योजनाओं का प्रारूप व मसौदा ऐसा तैयार किया गया है कि भ्रष्टाचार की संभावना न के बराबर रहेगी। अगर कोई गड़बड़ी करेगा तो अंजाम देने से पहले ही पकड़ में आ जाएगा। 

हमर छत्तीसगढ़ योजना -
प्रदेशभर के नए और पुराने सरपंच और पंचों को विकास कार्यों का अवलोकन कराने के लिए शासन की ओर से हमर छत्तीसगढ़ योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य, जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यों के बारे में जानकारी देना है ताकि वे भी अपने क्षेत्र में इसी तरह का विकास कार्य करा सकें। वर्ष 2016-17 में शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक जिले से 8 बार सैकड़ों जनप्रतिनिधि बस में सवार होकर भ्रमण पर गए हैं।

19 को पुनः 240 सरपंच और पंच का दौरा - 
हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत जिले से हर महीने दो या तीन बार जनप्रतिनिधियों को भ्रमण के लिए ले जाया जाता है। इस माह के लिए भी कार्यक्रम तय हो गया है। इस बार शासन ने 240 जनप्रतिनिधि को शामिल करने का टारगेट जिला पंचायत को दिया है। 19 अप्रैल को सभी नया रायपुर के लिए रवाना होंगे।

22 लाख का भुगतान लंबित - 
पंचायत विभाग की ओर से हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत टेंडर जारी किया गया था। इसमें विकास कार्यों के भ्रमण के लिए ट्रैवल्स कंपनी से निविदा आमंत्रित की गई थी। इसमें सबसे कम रेट राजधानी ट्रैवल्स डाला था। उन्होंने प्रत्येक किलोमीटर के लिए 75 रुपए का दर भरा था। इसके आधार पर उसे टेंडर दिया गया। अब तक ट्रैवल्स कंपनी को 20 लाख का भुगतान हो चुका है। वहीं करीब 22 लाख रुपए का भुगतान शेष है।

22 तक होगी जांच पड़ताल - 
महालेखाकार की टीम बीते बुधवार को जिला पंचायत पहुंची। इस दौरान उन्होंने पहले दिन अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी। दूसरे दिन गुरुवार से टीम के सदस्य एक-एक फाइलों को खंगालना शुरू कर दिए हैं। टीम 22 तारीख तक जांच करेगी।

* योजनांतर्गत भ्रमण पर जाने वाले जनप्रतिनिधियों का पहले रजिस्टर पर नाम, दिनांक, हस्ताक्षर और भ्रमण ब्यौरा दर्ज कराया जाना चाहिए लेकिन किसी भी भ्रमण के दौरान विभाग ने ऐसा नहीं किया और लाखों रुपए का भुगतान कर दिया, कंपनी को किए गए भुगतान पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई है, क्योंकि यह नियमों का खुला उल्लंघन है। इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। - महालेखाकार आडिट टीम, रायपुर

* भ्रमण में जाने वाले सभी जनप्रतिनिधियों का रजिस्टर में हस्ताक्षर कराना संभव नहीं है। ऑडिट में आपत्ति हुई है तो हम इसका जवाब शासन को दे देंगे। भुगतान में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। - ए.के. धीरही, जिला ऑडिटर पंचायत विभाग