रायपुर के होटल तुलसी में भीषण आग, पांच कारोबारी जिंदा जलने से दहली राजधानी
छत्तीसगढ़ 11 अप्रैल 2017 (जावेद अख्तर). रायपुर के मध्य में स्थित रहमानिया चौक के बंजारी मंदिर के निकट होटल तुलसी में 10 अप्रैल को आग लगने से पांच कपड़ा व्यवसासी जिंदा जल गए तथा चार लोग बुरी तरह से झुलस गए। पुलिस ने आशंका जताई कि आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी, हालांकि, जांच के
बाद ही कारण की पुष्टि हो सकेगी। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया
है।
रायपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के गोल बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहमानिया चौक के करीब तुलसी होटल में तड़के सुबह ही आग लगने की जानकारी के बाद दमकल गाड़ियां तथा पुलिस दल घटनास्थल के लिए रवाना हुए और राज्य आपदा मोचन बल भी मौके पर पहुंचा। बताया गया कि लगभग आठ घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया तब शवों को बाहर निकाला गया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
रायपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के गोल बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहमानिया चौक के करीब तुलसी होटल में तड़के सुबह ही आग लगने की जानकारी के बाद दमकल गाड़ियां तथा पुलिस दल घटनास्थल के लिए रवाना हुए और राज्य आपदा मोचन बल भी मौके पर पहुंचा। बताया गया कि लगभग आठ घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया तब शवों को बाहर निकाला गया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
रायपुर शहर के रहमानिया चौक, बंजारी मार्केट में रविवार-सोमवार दरमियानी रात होटल तुलसी में आग लग गई, वहीं 1 घंटे के भीतर आग बेकाबू हो गई और उसने ग्राउंड फ्लोर से लेकर 5वें माले को अपनी चपेट में ले लिया। होटल में 12 मुसाफिर (सभी व्यापारी) ठहरे हुए थे, जिनमें से 5 को बाहर आने का मौका ही नहीं मिल सका, वे 5 जिंदा जल गए। बाकी बचे 7 मुसाफिर, 5 होटल कर्मियों में किसी ने दूसरे माले से छलांग लगाई तो कोई जान बचाने बाजू की बिल्डिंग में कूद गया। घटना रात 2 बजे की है, फर्स्ट-सेकंड फ्लोर के सामने चिंगारियां निकल रही थीं, यही भीषण आग में तब्दील हो गईं। कारोबारी सुभाष सोनी के तुलसी होटल में 42 कमरे हैं। घटना वाली रात 12 मुसाफिर सोए हुए थे। आग की सूचना फायर ब्रिगेड को 3:05 बजे पहुंची और कुछ ही मिनट में गाड़ियां मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू में जुट गए।
खिड़की पर ही हो गई मौत -
आग लगने के बाद मुसाफिरों में अफरा-तफरी मच गई। जान बचाने उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन धुआं की वजह से सांस लेना मुश्किल हो रहा था। कुछ किचन की तरफ भागे, जहां खिड़की थी। एक कारोबारी का शव खिड़की से चिपका हुआ मिला। संभव है कि वह साफ हवा में सांस लेने के लिए यहां पहुंचा था, मगर तब तक देर हो चुकी थी, वहीं किचन में भी 2 शव मिले हैं।
पांच व्यापारियों के मौत की पुष्टि -
होटल में 12 लोग ठहरे थे। मुसाफिर राजस्थान, मुंबई, गुजरात, नागपुर के रहने वाले थे, जो कारोबार के सिलसिले में रायपुर आए थे। होटल की दूसरी मंजिल में एक कॉमन हॉल है। इसी में पोपटजी, दलपत और तुलाराम तीनों ठहरे थे। इसी मंजिल में कमरा नंबर 112 में प्रवीण भी रुके थे। तीसरी मंजिल में दीपक थे। सभी रात में सोए थे। अचानक हॉल और कमरे में धुंआ भर गया। सभी की नींद खुल गई। बाहर निकलें, तो अधिकांश हिस्सा आग की चपेट में था। सभी तीसरे मंजिल की ओर भागे और होटल के पीछे बनी खिड़की पर पहुंचे। वहां से मदद के लिए आवाज देने लगे। तब तक आसपास के लोग और पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी। तेज आग की वजह से कर्मचारी भी होटल में घुस नहीं पाए। फायर अमले ने अंदर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनीं, लेकिन होटल से निकलती आग की लपटें, धुएं के कारण फायरमैन के लिए अंदर कदम रखना नामुमकिन था। टावर लोडर गाड़ी के इंतजार में करीब तीन घंटे बीत गए। सुबह 5 बजे के करीब फायरमैन अंदर दाखिल हो सके। रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर शव को निकाला जा सका। रविवार दोपहर 1 बजे पहला शव निकाला तथा शाम 5 बजे तक 5 शव बरामद कर लिया गया। जिनमें से नागपुर निवासी दीपक मिश्रा, मुंबई निवासी प्रवीण पुरोहित (45 वर्ष) और राजस्थान के सिरोही जिले के तीन व्यापारी क्रमश: पोपटजी लोहार (42 वर्ष), दलपत सिंह (47 वर्ष) और तुलाराम की मौत हो गई।
कॉम्प्लेक्स गोदाम की आग पहुंची होटल में -
कॉम्प्लेक्स के ग्राउंड फ्लोर में होटल हैं, जबकि फर्स्ट फ्लोर में गोदाम है। इसमें प्लास्टिक और डीओ, परफ्यूम रखे थे। सेकंड, थर्ड, फोर्थ फ्लोर में 42 कमरों का होटल है। गोदाम में रखे सामान से आग की लपटें घिरने के बाद वहां धमाका हुआ। प्लास्टिक के डिब्बे फटने लगे और परफ्यूम में आग लगने के बाद भीषण हो गई और ऊपरी मंजिल पर बने कमरों तक लपटें पहुंचने लगी, जिससे पर्दे और लकड़ी के सामानों में भी आग लग गई। तत्पश्चात बहुत ही तेज़ी के साथ तीसरे, चौथे और पांचवें माले पर आग फैल गई। सभी गहरी नींद में सो रहे थे तथा कमरे बंद थे, इस कारण मुसाफिरों को जान बचाने या भागने के लिए समय ही नहीं मिल पाया और कमरों में ही जिंदा जल गए।
मुख्यमंत्री ने दुर्घटना पर दुख जताया -
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना पर दुख जताया है तथा पुलिस और जिला प्रशासन को दुर्घटना के कारणों का पता लगाने का निर्देश दिया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हादसे में पांच लोगों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, यह अग्निकांड हृदय विदारक है। उन्होंने दिवंगतों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि राज्य के शहरों में सभी होटलों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैण्ड और बाजार आदि सार्वजनिक स्थलों पर गर्मी के मौसम में विशेषरूप से सतर्कता बरती जाए, जिससे इस प्रकार की अचानक निर्मित होने वाली आपात स्थिति से बचा जा सके और जन-धन की हानि को रोका जा सके।
* होटल में आग में झुलसकर 5 लोगों की मौत हो गई। राहत दल के प्रयास से कुछ लोगों को बचाया जा सका। आग कैसे लगी, इसकी जांच होगी। - प्रदीप गुप्ता, आईजी रायपुर रेंज