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अमित जोगी के धारदार प्रश्नों से सरकार की सिट्टी पिट्टी हुयी गुम

छत्तीसगढ़ 23 मार्च 2017 (जावेद अख्तर). विधानसभा में अमित जोगी के प्रश्नों पर पूरी सरकार उत्तर देने में असफल रही। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम देवगांव में अनुसूचित जाति वर्ग की लड़की का बलात्कार कर उसकी हत्या करने तथा पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि 8.50 लाख रुपये देने के मामले में मरवाही विधायक अमित जोगी के सवाल से सदन में गृहमंत्री रामसेवक पैकरा घिरे। गृहमंत्री की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई और वह उत्तर देने की बजाय बगले झांकने लगे।

अमित के प्रश्न पर सरकार की बोलती बंद -
विधानसभा में अमित जोगी ने पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल 2016 को नया नियम बनाकर एससी/एसटी के पीड़ित परिवार को 8.50 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का नियम बनाया है, जिसका छत्तीसगढ़ सरकार पालन क्यों नहीं कर रही? आगे फिर से अमित जोगी ने हमला करते हुए मांग किया कि 14 अप्रैल 2016 के बाद के सभी पीड़ितों को 8.50 लाख की दर से मुआवजा दिया जाए। क्योंकि यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्र सरकार का आदेश है, बावजूद इसके आदेश को न मानना या आदेशानुसार कार्य नहीं करना, न्याया पालिका एवं केंद्र दोनों की अवहेलना व अवमानना है। क्या राज्य सरकार ऐसा करने का दुस्साहस कर रही है? मुख्यमंत्री, गृहमंत्री तथा शासन के सभी मंत्रियों के मुंह से शब्द ही नहीं फूट रहे थे। परंतु जूनियर जोगी कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाह रहे थे इसीलिए उन्होंने शब्दों में धार पैदा कर बोलते गए कि सरकार व मंत्री अपनी जवाबदेही एवं जिम्मेदारियों से मुंह नहीं चुरा सकते हैं, इस पर उत्तर नहीं देने से स्पष्ट है कि छग सरकार न्याय पालिका व केंद्र के ऊपर खुद को मानने लगी है। यह सब काफी हद तक तानाशाही व मनमानी करने जैसा है। 

अपने अधकचरे प्रशासनिक व्यवस्था के चलते गृहमंत्री की हुई किरकिरी - 
इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी 11 मार्च को हो गई थी, जबकि गृहमंत्री ने 21 मार्च को सदन में अमित जोगी के सवाल पर जवाब दिया की आरोपी फरार है। जिस पर अधिकांश सदस्य गृहमंत्री का मुंह ताकने लगे। वहीं इससे गृहमंत्री की खूब खिल्ली भी उड़ी। वहीं गृहमंत्री के बे-सिर-पैर के जवाब पर अमित जोगी ने गृह विभाग की कार्यप्रणाली पर ही प्रश्न चिंन्ह लगाते हुए कहा कि यदि आरोपी फरार हैं, तो बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने 11 मार्च को जिन आरोपियों को गिरफ्तार करके बकायदा प्रेसवार्ता में परेड कराकर जेल भेजा था, वह आरोपी है या नहीं? अमित जोगी के सवाल के बाद गृहमंत्री ने पलटते हुए कहा कि 10 मार्च को देवगांव के 3 आरोपी पकड़ लिए गये थे जो कि जेल में है। 

बलात्कार एवं हत्या के इस मामले में अमित जोगी ने गृहमंत्री से पूछा की पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि के संबध में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिये गये आदेश एवं भारत सरकार के द्वारा 14 अप्रैल 2016 को अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मामले में जो नये नियम बनाकर राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिये गये थे, उसका पालन इस प्रकरण में हुआ है की नहीं हुआ है? जिसके उत्तर में गृहमंत्री ने सदन में बताया की पीड़ित मृतका परिवार को 2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत किया गया है। अमित ​जोगी ने पूछा कि निर्धारित मुआवज़ा राशि 8.50 लाख रुपये क्यों नहीं दिया गया? गृहमंत्री रामसेवक पैकरा निरूत्तर रहे। 

अमित जोगी ने सदन में बताया की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सात दिनों के भीतर पीड़ित परिवार को 8.50 लाख रूपया मुआवजा देने का नियम बनाया है जिसका पालन भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में ही नहीं किया जा रहा है, जिसकी पुष्टि अभी गृहमंत्री के उत्तर से हो गई है। जूनियर जोगी ने सदन में बताया कि महिलाओं के ऊपर अपराध में 340 प्रतिशत की वृद्वि हुई है तथा प्रतिदिन 18 महिलाओं एवं बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनायें हो रही है। उसके बावजूद भी रमन सरकार सुरक्षा एवं मुआवजा राशि देने में असफल है। सबका साथ सबका विकास, क्या इसमें अपराधियों को भी शामिल माना जाए? मुआवजा राशि के मामले में उन्होंने बताया कि छग में सरकार निर्धारित राशि नहीं दे पा रही है वहीं दूसरी तरफ गोवा सरकार ने निर्धारण राशि को बढ़ाकर 10 लाख रूपया कर दिया है। गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के अनाप शनाप जवाब से असंतुष्ट होकर विधायक अमित जोगी, आर.के.राय और सियाराम कौशिक ने सदन का बहिर्गमन कर दिया।