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जो डॉक्टर जहां नियुक्त हों वहीं करें निवास : डीएम

शाहजहाँपुर 02 मार्च 2017 (खुलासा TV ब्यूरो). जो डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ जहां पर नियुक्त है वे वहीं पर निवास करें। जिले के सी.एच.सी./पी.एच.सी. पर जितने आवासीय भवन बने है। उनमें कौन-कौन रह रहा है और कितने भवन खाली है। जिसकी रिपोर्ट हमे तत्काल सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारी देें। उक्त निर्देश जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने विकास भवन सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेते हुये दिये।


जिलाधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि उनके अस्पताल के गेट, चहारदीवारी से लगे हुये कोई दुकान, खोखा या कोई व्यक्ति अवैध रूप से कोई कार्य करें, दीवारो पर या अस्पताल परिसर में कोई प्रचार सामग्री लगाये तो ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध लोक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कराते हुये वैधानिक कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि अस्पताल दूर से ही लगे कि अस्पताल है। ऐसा न हो कि उसके गेट व आस-पास लोग भिन्न प्रकार के व्यवसाय करने के उद्देश्य से अस्पताल को ढक दें और अस्पताल के प्रभारी डाक्टर चुप्पी साधे बैठें रहे। उन्होंने कहा कि मैं स्वंय देखूगा कि कौन सा अस्पताल साफ-सुथरा है। सभी सी.एच.सी./पी.एच.सी. में साफ-सफाई अच्छी तरह से बना कर रखे। 

बैठक में संस्थागत प्रसव की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने पाया कि दो ए.एन.एम. के सेवानिवृत्त होने पर मिर्जापुर सी.एच.सी. में कमी आई है। उन्होंने एम.ओ.आई.सी. मिर्जापुर को निर्देश दिये कि वे इस कार्यक्रम की स्वंय समीक्षा करें और जिस स्तर पर कमी हो रही है उसे शीघ्रता से दूर करते हुये प्रगति बढ़ाये। जिलाधिकारी ने पाया कि जिला महिला चिकित्सालय में जननी सुरक्षा योजनान्र्तगत महिलाओं को दी जाने वाली धनराशि कई माह से लम्बित है। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी मामले इसी माह निस्तारित करे। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कार्यक्रम में शतप्रतिशत प्रगति बनाये रखने के निर्देश दिये। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों के शतप्रतिशत समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की जानकारी करते हुये कहा कि बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने एवं विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिये जानकारी दी जाये। विशेषकर हाथ धोने की जानकारी अच्छी तरह दी जाये। अंधता निवारण की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने पाया कि इस कार्यक्रम की उपलब्धि मात्र 9.94 प्रतिशत ही है। जानकारी करने पर पाया कि मात्र एक ही आंख के डाक्टर सर्जन हैं। 

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. केशव स्वामी से कहा कि वह स्वंय आँख रोग विशेषज्ञ हैं। इसलिये वह स्वंय भी इस कार्यक्रम में सहयोग करते हुये मरीजों का उपचार करें। जिले में कुष्ट रोगियों की जानकारी करते हुये जिलाधिकारी ने पाया कि लगभग 416 रोगी हैं। जिनका इलाज चल रहा है। उक्त बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रसव के दौरान यदि किसी गर्भवती महिला की मृत्यु हुई तो सम्बन्धित डाक्टर का उत्तरदायित्व निर्धारित होगा। इसलिये हर डाक्टर अपने कार्य के प्रति सचेत रहें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सभी डाक्टर डिप्टी सी.एम.ओ. आदि जिस-जिस कार्य के लिये जहां-जहां भ्रमण करें उसका रजिस्टर रखे और क्या-क्या कार्य किये गये है उसपर प्रतिदिन अंकित करें। उक्त बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. कमल कुमार ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं उनकी प्रगति के विषय में अवगत कराया। बैठक में सभी सम्बन्धित विभागो के अधिकारी एवं डाक्टर उपस्थित रहें।