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US में विदेशी पेशेवरों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, TRUMP कराएंगे वीजा दुरुपयोग की जांच

वाशिंगटन 12 दिसम्बर 2016 (IMNB). अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह पदभार संभालने के बाद सबसे पहले सभी वीजा दुरुपयोग की जांच कराएंगे जिनकी वजह से अमेरिकियों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ट्रंप की इस घोषणा से संकेत मिलता है कि भारत सहित अन्य देशों के विदेशी पेशेवरों को उनके कार्यकाल में कड़ी जांच से गुजरना होगा।

अपने संबोधन के दौरान ट्रंप ने किसी विशेष वीजा दुरुपयोग का नाम नहीं लिया है, लेकिन पिछले कुछ बरस से अमेरिकी सांसद कंपनियों द्वारा एच—1बी वीजा के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताते रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के अपने अभियान के दौरान ट्रंप ने आव्रजन नियमों को कड़ा करने का संकेत दिया था। उन्होंने उन अमेरिकी कंपनियों की आलोचना की थी जो चीन और भारत जैसे देशों को नौकरियां भेज रही हैं।

सभी वीजा दुरुपयोग की जांच कराएंगे ट्रंप
ट्रंप ने शुक्रवार को मिशीगन में एक रैली में कहा था कि मेरा पहला सरकारी आदेश श्रम विभाग से सभी वीजा दुरुपयोग की जांच का होगा। ट्रंप ने कहा, हम प्रत्येक अमेरिकी के संरक्षण के लिए संघर्ष करेंगे। अपने चुनाव अभियान के दौरान मैंने देखा कि अमेरिकी श्रमिक को नौकरी से हटाया गया और उन्हें ही विदेशी पेशेवर को प्रशिक्षित करने का काम सौंपा गया जिसने उनका स्थान लिया है। अब ऐसा नहीं होगा।

अब नहीं जाएगी अमेरिकियों की नौकरी
ट्रंप ने डिज्नी वर्ल्ड एवं अन्य अमेरिकी कंपनियों के मामलों का जिक्र करते हुए गुरुवार को आयोवा में अपने हजारों समर्थकों से कहा, मैं हर अमेरिकी जीवन की रक्षा करने के लिए लड़ूंगा। उन्होंने दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान मैंने उन अमेरिकी कर्मियों के साथ भी समय बिताया, जिन्हें नौकरी से निकाल दिया गया और उनकी जगह लेने वाले व्यक्ति को उन्हें प्रशिक्षण देने पर मजबूर किया गया। उनकी जगह विदेशी कर्मियों को लाया गया। हम अब और ऐसा नहीं होने देंगे।

H-1B वीजा के जरिए हजारों पेशेवरों को मिलती है नौकरी
अमेरिका में हर वर्ष H-1B वीजा के जरिए लगभग 65,000 पेशेवरों को नौकरी मिलती है। इसमें भारत समेत दूसरे देशों के भी पेशेवर शामिल हैं। इसके अलावा 20,000 ऐसी भी नौकरियां हैं जो वहां एडवांस में दी जाती हैं।