शाहजहाँपुर - बदमाशों से त्रस्त है खुटार, पुलिस ने भी मान ली है हार
शाहजहाँपुर 10 सितम्बर 2016 (धीरज सिंह). खुटार कस्बा हो या आस-पास का ग्रामीण क्षेत्र इन दिनों यहाँ पर अराजकता का आलम ये है कि बदमाशों ने जब चाहा और जहाँ चाहा खून बहाया और लूटपाट कर आराम से भाग निकले। बाद में पुलिस गश्त के नाम पर लकीर पीटती रहती है। एैसा प्रतीत होता है कि स्थानीय पुलिस ने बदमाशों से हार मान ली है
जानकारी के अनुसार बीते दो दिनों में गाँव भटनौसा व टाह में ग्रामीणों को बन्धक बनाकर बदमाशों ने घण्टों जमकर लूटपाट की। घटना की खबर मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँची। गहन छानबीन की और लुटेरों को जल्द पकड़ने का दावा भी किया, लेकिन हुआ कुछ नहीं। आंकडों को देखें तो पिछले दो माह में घटी लूट और चोरी की वारदातों को खोलने में पुलिस को अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। नतीजन लुटेरे आज भी आज़ाद घूम रहे हैं और आये दिन पुलिस की नाक के नीचे घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस अफसरों का मानना है कि घटनास्थल पर पहुँच कर पुलिस जाँच पड़ताल करती है लेकिन इससे पहले वहाँ पर लोगों की आवाजाही के चलते पूरी तरह से साक्ष्य नहीँ मिल पाते। क्योंकि वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ियों के टायरों के निशान भी मिट जाते हैं। लिहाजा लुटेरों तक पहुँचने के लिए पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।
बीती शाम लूट का शिकार चाट व्यापारी टाह निवासी अशोक राठौर चाट बेचकर घर आ रहा था। सिमरा वीरान गौ सदन के पास जंगल से पाँच लोगों ने उसे बंधक बनाकर उससे लूटपाट की और फरार हो गए। मौके पर पहुँची पुलिस ने कहा कि बदमाशों के तमाम सुराग मिल सकते थे लेकिन स्थानीय लोगों की आवाजाही से साक्ष्य मिट गये हैं और अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है की लुटेरे कौन थे। पुलिस के इस बयान से तो लगता है कि फ़िलहाल लुटेरों की तलाश में पुलिस हवा में ही हाथ पैर मार रही है। कई वारदातों की तफ्तीश पुलिस फाइलों कैद हो कर रह गई है। एैसा प्रतीत होता है कि स्थानीय पुलिस ने बदमाशों से हार मान ली है।
जानकारी के अनुसार बीते दो दिनों में गाँव भटनौसा व टाह में ग्रामीणों को बन्धक बनाकर बदमाशों ने घण्टों जमकर लूटपाट की। घटना की खबर मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँची। गहन छानबीन की और लुटेरों को जल्द पकड़ने का दावा भी किया, लेकिन हुआ कुछ नहीं। आंकडों को देखें तो पिछले दो माह में घटी लूट और चोरी की वारदातों को खोलने में पुलिस को अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। नतीजन लुटेरे आज भी आज़ाद घूम रहे हैं और आये दिन पुलिस की नाक के नीचे घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस अफसरों का मानना है कि घटनास्थल पर पहुँच कर पुलिस जाँच पड़ताल करती है लेकिन इससे पहले वहाँ पर लोगों की आवाजाही के चलते पूरी तरह से साक्ष्य नहीँ मिल पाते। क्योंकि वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ियों के टायरों के निशान भी मिट जाते हैं। लिहाजा लुटेरों तक पहुँचने के लिए पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है।
बीती शाम लूट का शिकार चाट व्यापारी टाह निवासी अशोक राठौर चाट बेचकर घर आ रहा था। सिमरा वीरान गौ सदन के पास जंगल से पाँच लोगों ने उसे बंधक बनाकर उससे लूटपाट की और फरार हो गए। मौके पर पहुँची पुलिस ने कहा कि बदमाशों के तमाम सुराग मिल सकते थे लेकिन स्थानीय लोगों की आवाजाही से साक्ष्य मिट गये हैं और अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है की लुटेरे कौन थे। पुलिस के इस बयान से तो लगता है कि फ़िलहाल लुटेरों की तलाश में पुलिस हवा में ही हाथ पैर मार रही है। कई वारदातों की तफ्तीश पुलिस फाइलों कैद हो कर रह गई है। एैसा प्रतीत होता है कि स्थानीय पुलिस ने बदमाशों से हार मान ली है।