छत्तीसगढ़ - मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए नक्सल क्षेत्रों में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आदेश
रायपुर 4 मार्च 2016 (छत्तीसगढ़ ब्यूरो). मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि विभिन्न घटनाओं और मामलों में शासन-प्रशासन का पक्ष मीडिया प्रतिनिधियों के सहयोग से ही जनता के सामने आता है। इसलिए मैंने राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित जिलों में कानून व्यवस्था से जुड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पत्रकारों को भरोसे में लेकर काम करें और यह भी सुनिश्चित करें कि पत्रकारों को विकास कार्यों तथा जनसमस्याओं की रिपोर्टिंग में किसी भी प्रकार की दिक्कत न होने पाए। राज्य सरकार प्रेस की आजादी की रक्षा के लिए वचनबद्ध है।
डॉ. रमन सिंह यहां विधानसभा में बस्तर संभाग के विभिन्न पत्रकार संगठनों के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना। इस अवसर पर आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री केदार कश्यप तथा वन और विधि एवं विधायी कार्य मंत्री महेश गागड़ा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि राज्य सरकार ने पत्रकारों की सुविधा के लिए एक उच्चस्तरीय समन्वय समिति का भी गठन किया है, जिसमें पत्रकारों के प्रतिनिधि भी शामिल है। समिति की पहली बैठक हाल ही में यहां मंत्रालय स्तर पर आयोजित हो चुकी है। डॉ. रमन सिंह ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार और जनता के बीच संवाद बनाए रखने में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
डॉ. सिंह ने कहा, नक्सल क्षेत्रों में राज्य शासन द्वारा जनकल्याण की अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है और नक्सल समस्या को समाप्त करने की दिशा में शासन-प्रशासन को अच्छी सफलता भी मिल रही है। इसमें मीडिया का सहयोग भी काफी सराहनीय और महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा, आम जनता की भलाई के लिए सरकारी विकास योजनाओं की जानकारी जनता तक पत्रकारों के माध्यम से ही पहुंचती हैं और जन समस्याओं की जानकारी सरकार तक मीडिया के जरिये भी आती है। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सभी जिलों में ग्राम स्तर तक कठिन परिस्थितियों में भी समाचार संकलन करने वाले पत्रकारों को निष्पक्ष रूप से काम करने की पूरी आजादी संबंधित जिलों के प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मैंने इस संबंध में स्वयं बस्तर संभाग के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, नक्सल क्षेत्रों में पत्रकारों की पहचान की पुष्टि के लिए अधिकारी वहां के प्रेस क्लब जैसे स्थानीय पत्रकार संगठनों से भी जानकारी ले सकते हैं। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के इस विचार पर अपनी सहमति व्यक्त की। पत्रकारों ने उच्च स्तरीय समन्वय समिति के गठन के लिए भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। डॉ. रमन सिंह ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि निकट भविष्य में बस्तर संभाग के जिलों के भ्रमण के दौरान मैं स्वयं स्थानीय पत्रकारों से मिलकर उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा करूंगा। प्रतिनिधि मंडल से मुलाकाता के दौरान मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एन. बैजेन्द्र कुमार, जनसम्पर्क विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा और संचालक जनसम्पर्क राजेश सुकुमार टोप्पो भी मौजूद थे। प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष- दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ, अध्यक्ष-प्रेस क्लब जगदलपुर, सचिव-बस्तर संभागीय पत्रकार संघ, संयुक्त सचिव-छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ, आईरा के सदस्य तथा अन्य पत्रकारगण शामिल थे।
* प्रेस की आजादी की रक्षा के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। पत्रकारों से समन्वय के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है। - मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह
डॉ. रमन सिंह यहां विधानसभा में बस्तर संभाग के विभिन्न पत्रकार संगठनों के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल की समस्याओं को गंभीरता से सुना। इस अवसर पर आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री केदार कश्यप तथा वन और विधि एवं विधायी कार्य मंत्री महेश गागड़ा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि राज्य सरकार ने पत्रकारों की सुविधा के लिए एक उच्चस्तरीय समन्वय समिति का भी गठन किया है, जिसमें पत्रकारों के प्रतिनिधि भी शामिल है। समिति की पहली बैठक हाल ही में यहां मंत्रालय स्तर पर आयोजित हो चुकी है। डॉ. रमन सिंह ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार और जनता के बीच संवाद बनाए रखने में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
डॉ. सिंह ने कहा, नक्सल क्षेत्रों में राज्य शासन द्वारा जनकल्याण की अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है और नक्सल समस्या को समाप्त करने की दिशा में शासन-प्रशासन को अच्छी सफलता भी मिल रही है। इसमें मीडिया का सहयोग भी काफी सराहनीय और महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा, आम जनता की भलाई के लिए सरकारी विकास योजनाओं की जानकारी जनता तक पत्रकारों के माध्यम से ही पहुंचती हैं और जन समस्याओं की जानकारी सरकार तक मीडिया के जरिये भी आती है। इसे ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सभी जिलों में ग्राम स्तर तक कठिन परिस्थितियों में भी समाचार संकलन करने वाले पत्रकारों को निष्पक्ष रूप से काम करने की पूरी आजादी संबंधित जिलों के प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मैंने इस संबंध में स्वयं बस्तर संभाग के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, नक्सल क्षेत्रों में पत्रकारों की पहचान की पुष्टि के लिए अधिकारी वहां के प्रेस क्लब जैसे स्थानीय पत्रकार संगठनों से भी जानकारी ले सकते हैं। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के इस विचार पर अपनी सहमति व्यक्त की। पत्रकारों ने उच्च स्तरीय समन्वय समिति के गठन के लिए भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। डॉ. रमन सिंह ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि निकट भविष्य में बस्तर संभाग के जिलों के भ्रमण के दौरान मैं स्वयं स्थानीय पत्रकारों से मिलकर उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा करूंगा। प्रतिनिधि मंडल से मुलाकाता के दौरान मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एन. बैजेन्द्र कुमार, जनसम्पर्क विभाग के सचिव गणेश शंकर मिश्रा और संचालक जनसम्पर्क राजेश सुकुमार टोप्पो भी मौजूद थे। प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष- दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ, अध्यक्ष-प्रेस क्लब जगदलपुर, सचिव-बस्तर संभागीय पत्रकार संघ, संयुक्त सचिव-छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ, आईरा के सदस्य तथा अन्य पत्रकारगण शामिल थे।
* प्रेस की आजादी की रक्षा के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। पत्रकारों से समन्वय के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है। - मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह
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