लखनऊ - हारी हुई सीटों पर सपा से टिकट मांगने वालों की लगी कतार
लखनऊ 9 अगस्त 2015 (तारिक आज़मी). आगामी विधान सभा चुनाव में सपा की जीत का परचम लहराने के लिए सपा नेता अपनी अपनी दावेदारी प्रबल बता रहे हैं, तो वहीं हारी हुई सीटों पर टिकट को लेकर हाय तौबा हो रही है।
पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी जिन सीटों पर हार गई थी, उन पर भी टिकट के लिए पार्टी में मारामारी है। ऐसी 169 सीटों के लिए 1493 आवेदन मिले हैं। यानी हर सीट पर औसतन नौ दावेदार हैं।
हर आवेदक से पांच हजार रुपये फीस ली गई है। उम्मीदवारी के लिए कई वर्तमान व पूर्व जिलाध्यक्षों के साथ ही निगमों के चेयरमैन, पूर्व विधायक और प्रदेश व जिला स्तरीय नेता लाइन में हैं।सपा विधानसभा चुनाव 2017 की तैयारियों में जुट गई है। सबसे पहले उन 169 सीटों पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू की गई है जिन पर पिछले चुनाव में सपा प्रत्याशी हार गए थे। इन सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिए 23 जुलाई से दावेदारों के साक्षात्कार हो रहे हैं। सपा के प्रदेश सचिव और एमएलसी एसआरएस यादव का कहना है कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया हारी हुई सीटों को जीतने की रणनीति के तहत शुरू की गई है। हर दिन औसतन 125 दावेदारों से बातचीत की जा रही है। सपा मुख्यालय में प्रत्याशियों के चयन एवं साक्षात्कार का काम छह सदस्यीय चयन समिति कर रही है। इसमें मंत्री कैलाश यादव, शाहिद मंजूर, राज्यमंत्री एवं प्रदेश महासचिव अरविंद कुमार सिंह गोप, राज्यमंत्रीकमाल अख्तर, प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश उत्तम तथा प्रदेश सचिव एसआरएस यादव शामिल हैं। शुक्रवार को मेरठ मंडल के दावेदारों को बुलाया गया था।
मेरठ मंडल के मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, बागपत, गौतमबुद्धनगर और हापुड़ जिलों से टिकट के करीब 150 दावेदार सुबह सपा कार्यालय पहुंच गए थे। बागपत सीट से कई स्थानीय नेताओं के साथ रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के पूर्व चेयरमैन कुलदीप उज्ज्वल, बीज विकास निगम के उपाध्यक्ष और मेरठ के पूर्व जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह और श्रम विभाग के सलाहकार मो. अब्बास ने टिकट मांगा है। हथकरघा निगम के चेयरमैन रफीक अंसारी और कारागार विभाग के सलाहकार मो. अय्यूब ने मेरठ शहर से टिकट के लिए दावेदारी की।अंसारी पिछले चुनाव में इस सीट पर मामूली वोटों से पराजित हुए थे। टिकट की दावेदारी करने वालों में बुलंदशहर के जिलाध्यक्ष दिनेश गुर्जर, मेरठ महानगर के पूर्व अध्यक्ष हाजी इसरार सैफी, युवा नेता कपिलराज शर्मा भी शामिल थे। चयन समिति के सदस्यों ने टिकट के दावेदारों से उनके क्षेत्रों का जातीय समीकरण, जीत का गणित और चुनाव लड़ने के लिए संसाधनों के बारे में पूछा। यह भी जाना कि पिछले चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की हार की वजह क्या थी? दावेदारों से उनकी चुनावी तैयारियों, बूथ कमेटियों के गठन और पार्टी संगठन में सक्रियता के बारे में भी पूछा।