छत्तीसगढ़ - बिजली दरों में वृद्धि से उद्योगों पर भारी संकट, एक सितंबर से बंद होंगे मिनी स्टील प्लांट
रायपुर/छत्तीसगढ़ 27 अगस्त 2015 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की मनमानियों से सभी त्रस्त है मगर सबसे अधिक असर प्रदेश के उद्योगों पर पड रहा है। बिजली दरों में तेजी से वृद्धि के कारण उद्योगों पर चौतरफा महंगाई की मार पड़ रही है जिससे दिन प्रतिदिन ऐसे उद्योग घाटे में चले जा रहे हैं। ऐसे छोटे उद्योगपतियों ने राज्य की भाजपा सरकार से इस पर बातचीत करके मसले का हल निकालने का प्रयास किया मगर नतीजा सिफर रहा।
सूत्रों की माने तो भाजपा सरकार की उदासीनता और लापरवाही के चलते अब ऐसे उद्योगों को चला पाना काफी दुष्कर होता जा रहा है इसीलिए प्रदेश के मिनी स्टील प्लांटों में 1 सितंबर से उत्पादन बंद हो जाएगा। स्टील उद्योगपतियों ने बिजली मुद्दे पर अब तक कोई फैसला न लिए जाने पर नाराजगी जताई है तथा विद्युत नियामक आयोग व विद्युत मंडल पर कोई ध्यान न देने का आरोप लगाया है। उद्योगपतियों का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग व विद्युत मंडल दोनों ही एक साजिश के तहत स्टील उद्योगों को बर्बाद कर रहे हैं। एक जून से स्टील उद्योगों की बिजली दरों में 22 से 27 फीसदी तक बढ़ोतरी हो गई हैं।
उद्योगपतियों का कहना है कि मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग में उनके बिजली मुद्दे पर सुनवाई को लेकर एक बैठक थी। लेकिन अब इस पर फैसले के लिए दस दिन का समय और बढ़ा दिया गया है तथा इस पर फैसला 4 सितंबर को होगा। इसके बाद मंगलवार शाम को ही स्टील उद्योगपतियों ने बैठक की। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी मिनी स्टील प्लांटों में 1 सितंबर से उत्पादन बंद हो जाएगा। छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि उद्योगपतियों को अभी तक केवल आश्वासन मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को उद्योगों के हितों के लिए उचित निर्णय लेना चाहिए। प्लांट बंद होने से लोगों के सामने रोजगार की भी समस्या आ जाएगी। इसके साथ ही औद्योगिक विकास भी रुक जाएगा।