छत्तीसगढ़ - मानवाधिकार आयोग दर्ज करेगा पीड़ित पत्रकार आरती का बयान
रायपुर 18 जून 2015. खरसिया में समाचार प्रकाशन से खिन्न होकर महिला पत्रकार श्रीमती आरती वैष्णव के ऊपर हुए जानलेवा हमला एवं उसमें उनके मासूम बच्चे की गर्भ में मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने पीड़िता आरती वैष्णव को पत्र भेज कर उनका पक्ष एवं बयान भेजने को कहा है।
आश्चर्यजनक रूप से घटना के 15 माह बीत जाने के बावजूद सह आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध
नही किया गया है। जिससे आरोपियों के हौसले बुलन्द है एवं आरोपियों के
द्वारा घटना के गवाहों को डराया धमकाया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग ने पत्र क्रमांक 1503 /मा.अ.आ./Rgh/49/2014/Nhrc रायपुर दिनांक 20/5/2015 के माध्यम से आयोग के पत्र क्रमांक 13/2/2015 एवं 24/3/2015 का हवाला देते हुए पुलिस कप्तान द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन के सम्बन्ध में पीड़िता का पक्ष माँगा है । ताकि महिला पत्रकार श्रीमती आरती वैष्णव के ऊपर किये गए जानलेवा हमले में गर्भस्थ शिशु के मृत्यु हो जाने पर आरोपी मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्रीमती कृष्णा खटिक एवं उनके सहयोगियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जा सके। उक्त मामले में पुलिस कप्तान कार्यालय द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन भी भेजा गया है और पीड़ित महिला पत्रकार से उनका पक्ष माँगा गया है। उक्त मामले पुलिस SDO पूजा अग्रवाल द्वारा पीड़िता को कथन हेतु नोटिस भेजना एवम् पीड़िता महिला पत्रकार को फरार होना बताया गया है। जबकि पीड़िता के द्वारा आरोपी कृष्णा खटिक एवं अन्य के विरुद्ध दिनांक 8/3/2014 को दर्ज कराये गए अपराध क्रमांक 87/14 जिसमें वर्तमान में भरत राठौर एवम् राजकपूर कछवाहा पति कृष्णा खटिक के नाम धारा 294, 452, 354, 34, 506, 392 का अपराध पंजीबद्ध है, के मामले में बयान लेने एवं घटना स्थल का नजरी नक्शा के लिए थाना मदनपुर में पदस्त एएसआई श्रीमती संतरा चौहान थाना प्रभारी सलीम तिग्गा के निर्देश पर पीडिता के घर आ कर दिनांक 3 फ़रवरी 2015 को शाम 5 बजे बयान ले चुकी हैं किन्तु आज तक मुकदमें में अन्य आरोपियों का नाम नहीं जोड़ा गया है । जबकि उन्हीं के विभाग के आला अधिकारी द्वारा पीड़ित आरती वैष्णव को फरार होना बताया जा रहा है । नगर पालिका द्वारा बकायदा पत्रकार सम्मान समारोह में महिला पत्रकार को स्थानीय नगरपालिका अध्यक्ष एवम् भाजपा नेताओं द्वारा 3 मई को सम्मानित भी किया गया था। नगरपालिका चुनाव ,विधानसभा चुनाव, लोक सभा चुनाव सहित सभी सरकारी आयोजनों में सक्रीय भागीदारी करते रहने के बावजूद SDO Police के द्वारा फरार बता करके उक्त मामले में आज तक बयान नहीं लिया गया है, जो किसी षडयंत्र की तरफ इशारा करता है। मानवाधिकार आयोग को झूठा प्रतिवेदन फरार बता कर प्रेषित किया जा रहा है । साथ ही मामले के सह आरोपियों के विरुद्ध घटना के 15 माह बीत जाने के बावजूद अपराध पंजीबद्ध नही किया गया है। जिससे आरोपियों के हौसले बुलन्द है एवं आरोपियों के द्वारा घटना के गवाहों को डराया धमकाया जा रहा है।
प्रतिवेदन में पीड़ित पत्रकार के इलाज के दौरान डॉ आर.एल हॉस्पिटल रायगढ़ में बच्चे के मौत का कारण कुर्सी से चोट लगना बताया गया है जबकि पीड़िता 24 घण्टे तक बेहोश पड़ी थी। पुलिस अधीक्षक के बयान में आरोपियों के विरुद्ध समुचित कार्यवाही होना बताया गया है जबकि आज तक 5 अन्य आरोपियों के विरुद्ध मामला तक दर्ज नही किया गया है ।जबकि पीड़िता का बयान लिया जा चुका है। इस प्रतिवेदन के सम्बन्ध में पीड़िता को अपनी टिप्पणी के साथ जवाब प्रस्तुत करने को 15 दिवस का समय दिया गया है ताकि आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही हो सके। पीड़ित महिला पत्रकार ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त मामले के आरोपी सीएमओ कृष्णा खटिक अपने सहयोगियों धनसाय यादव एवम् राजेश शर्मा सहित अन्य के साथ मिलकर मामला वापिस लेने की धमकी दे रही है। प्रकरण वापिस नहीं लेने पर जान से मारने एवं मकान तोड़ने की धमकी दे रही हैं ।
(तारिक आज़मी)