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राज्यसभा में फंसी सरकार ने SP, BSP के आगे किया सरेन्‍डर

नई दिल्ली 22 अप्रैल 2015. मोदी सरकार ने हाल में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी की दो महत्वपूर्ण मांगें मानी हैं। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में बहुमत से पीछे छूट रहे नैशनल डेमोक्रेटिक अलायंस को भूमि अधिग्रहण बिल सहित कुछ अहम विधेयकों को पास कराने में विपक्ष की चुनौती को देखते हुए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। ऐसे में एसपी और बीएसपी के प्रति मोदी सरकार की यह दरियादिली गौरतलब है।
उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने मांग की थी कि राज्य के पुलिस महानिदेशक अरविंद कुमार जैन को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया जाए। केंद्र सरकार ने यह मांग स्वीकार कर ली। उधर, बीएसपी चीफ मायावती को अडवांस सिक्यॉरिटी लेजन (एएसएल) की सुविधा दी गई है। यह सिक्यॉरिटी प्रोटोकॉल जेड प्लस कैटिगरी की सुरक्षा वाले लोगों में से भी कुछ ही लोगों को मुहैया कराया जाता है। एएसएल के तहत एक अडवांस टीम संबंधित व्यक्ति के साथ होती है, जो उनके किसी जगह पर पहुंचने से पहले इलाके की जांच करती है। जेड प्लस सुरक्षा कवर पाने वाले लोगों में कई सीनियर लीडर्स, मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं, लेकिन इनमें से एएसएल फैसिलिटी केवल होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह, बीजेपी लीडर लालकृष्ण आडवाणी और मायावती को ही दी गई है। इस संबंध में जब पत्रकारों ने होम मिनिस्ट्री और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग को सवाल भेजे, तो वहां से कोई जवाब नहीं आया। एसपी और बीएसपी से जुड़े इन फैसलों में ये दोनों विभाग नोडल अथॉरिटीज हैं। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के 15 सांसद हैं और बीएसपी के पास 10 सांसद हैं। एनडीए के सांसदों की संख्या ऊपरी सदन में 63 है। कांग्रेस के पास वहां 68 सांसद हैं। राज्यसभा में एनडीए बहुमत से 59 के आंकड़े से पीछे है। बजट सत्र के पहले हिस्से में एनडीए सरकार माइनिंग जैसे अहम विधेयक तभी पास करा सकी थी, जब समाजवादी पार्टी और बीएसपी जैसी नॉन-एनडीए और नॉन-यूपीए पार्टियों ने विपक्ष के साथ मतदान नहीं किया। एसपी के सीनियर लीडर नरेश अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी को तीन महीने का सेवा विस्तार देने का केंद्र सरकार का निर्णय 'दो सरकारों के बीच का मामला' है। अग्रवाल ने कहा, 'इसे संसदीय मामलों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी लैंड बिल के विरोध में ही है। अग्रवाल ने हाल में सुझाव दिया था कि बीजेपी को यूपी सरकार के लैंड लॉ पर गौर करना चाहिए और उसके कुछ प्रावधानों को केंद्र के बिल में जोड़ना चाहिए। संपर्क किए जाने पर बीएसपी लीडर ब्रजेश पाठक ने कहा, 'मैं इस मामले में कॉमेंट नहीं करना चाहता हूं।' विदित हो कि यूपीए के शासन के दौरान शहरी विकास मंत्रालय ने मायावती को नई दिल्ली के वीवीआईपी एरिया में आसपास के तीन बंगलों को एकसाथ मिलाने की इजाजत दी थी। इस वक्त बीएसपी चीफ के पास गुरुद्वारा रकाबगंज एरिया में चार बंगले और त्यागराज मार्ग पर एक बंगला है।

(IMNB)