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AAP जॉइन करने और केजरीवाल से मिलने आए थे गजेंद्र

जयपुर । आम आदमी पार्टी की रैली में खुदकुशी करने वाले गजेंद्र सिंह कल्याण्वत के परिवार वालों के पास 10 एकड़ जमीन, एक करौदे का बाग और एक सागौन का बगान है। हालांकि गजेंद्र का दिल खेती में नहीं लगता था। तीन बच्चों के पिता 43 साल के गजेंद्र सिंह के बारे में परिवार के सदस्यों और दोस्तों का कहना है उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा थी। गजेंद्र ने 2008 और 2013 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर दो बार विधानसभा चुनाव लड़े थे। इसके बाद गजेंद्र की इच्छा आम आदमी पार्टी जॉइन करने की थी।
गजेंद्र के भतीजे अमित सिंह कल्याण्वत ने कहा, 'उन्होंने 3-4 दिन पहले गांव को छोड़ा था। उन्होंने कहा था वह दिल्ली जाकर केजरीवाल से मिलने की कोशिश करेंगे। वह कहकर गए थे कि दिल्ली में अपने कॉन्स्टेबल भाई के यहां रहेंगे।' जयपुर से 120 किलोमीटर दूर गजेंद्र के गांव में उनके घर वालों से किसी पत्रकार को फिलहाल नहीं मिलने दिया जा रहा है। पड़ोसियों का कहना है कि उनके बूढ़े बाप और उनकी पत्नी को मौत की बात नहीं बताई गई है। परिवार में शादी है। एक चाचा दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। उम्मीद है कि वह गुरुवार को गजेंद्र का शव लेकर गांव वापस आ जाएंगे। एक तथाकथित सूइसाइड नोट में गजेंद्र ने लिखा है कि पिछले महीने बेमौसम बारिश और ओला-वृष्टि के कारण उसकी फसल बर्बाद हो गई है। लेकिन स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बसावा तहसील में जिसमें गजेंद्र का भी गांव आता है, फसल की बर्बादी 20-25% के बीच ही है। यह बर्बादी राजस्थान के दूसरे हिस्सों से बहुत कम है। दौसा के कार्यवाहक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर कृष्ण चंद्र शर्मा ने कहा, 'हमलोगों ने गजेंद्र के परिवार वालों की फसल बर्बादी की स्थिति को देखने के लिए तहसीलदार को भेजा है। इस राजपूत बहुल गांव में गजेंद्र का एक मंजिला पक्का मकान है। घर के सामने ही इनके खेत हैं। एक तरफ करौदे का बाग है तो दूसरी तरफ सागौन का बगान है। इन दोनों के बीच में गेहूं की फसल है। इसे देख पता चलता है कि यह परिवार खेती बढ़िया से करता है। तीन भाइयों में गजेंद्र सबसे बड़े थे। इन्होंने 12वीं क्लास तक पढ़ाई की थी। गजेंद्र की शादी कम उम्र में ही हो गई थी। इनकी सबसे बड़ी संतान बेटी है जो कि 12वीं क्लास में पढ़ती है। इनके 7 और 10 साल के दो लड़के हैं। इनमें से किसी को भी फिलहाल नहीं पता है कि पिता ने खुदकुशी कर ली है। राजनीति में रातोंरात कामयाब नहीं होने के बाद गजेंद्र ने होटेल्स में टूरिस्टों को राजस्थानी पगड़ी बांधने का काम शुरू किया था। गजेंद्र के बचपन के दोस्त रमेश बैरवा ने कहा कि वह बहुत तेजी से पगड़ी बांधता था। रमेश ने होटेल्स में पगड़ी बांधते हुए गजेंद्र की तस्वीरें भी दिखाईं। एक तस्वीर में गजेंद्र केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को पगड़ी बांध रहे हैं। 2010 में गजेंद्र ने समृद्ध दाढ़ी और अलंकृत पगड़ी के साथ राजस्थानी सांस्कृतिक स्पर्धा में मिस्टर डेजर्ट का खिताब जीता था।  


(IMNB)