मोदी के छोटे भाई ने बीजेपी को दी चेतावनी
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई
प्रह्लाद ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार उनके संगठन की मांगों पर
आंखें मूंदे रही तो उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में बीजेपी को
चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। प्रह्लाद का संगठन राशन की दुकान
(पीडीएस) के मालिकों की समस्याओं को लेकर संघर्ष कर रहा है। वह खुद भी
गुजरात में राशन की दुकान चलाते हैं।
ऑल इंडिया फेयर प्राइस डीलर्स
फेडरेशन के उपाध्यक्ष प्रह्लाद मोदी ने मुंबई के आजाद मैदान में राशन
दुकानदारों के आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आए हुए थे। उन्होंने सरकार को
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए वोट जुटाने में अपने
संगठन की कथित भूमिका की याद दिलाई और कहा कि राशन दुकान मालिकों की अनदेखी
भगवा पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकती है। उन्होंने कहा कि दुकानदार 17
मार्च को नई दिल्ली जंतर मंतर पर आंदोलन करेंगे। प्रह्लाद ने राशन दुकान
मालिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'बीजेपी उत्तर प्रदेश में
लोकसभा की 80 में से 73 सीटें 75000 राशन दुकान मालिकों के समर्थन की बदौलत
हासिल कर सकी। दिल्ली चुनाव से पहले सरकार ने इस तबके की अनदेखी शुरू
कर दी और परिणाम सब लोग देख सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'अगर यह जारी रहा तो
बिहार में 70 हजार राशन दुकान मालिक सहयोग नहीं करेंगे, जो बीजेपी की
किस्मत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। वही हाल उत्तर प्रदेश में होगा।'
उन्होंने कहा, 'हम राशन बेचते हैं और लोगों की आत्मीयता खरीदते हैं।' राशन
दुकानदारों के संगठन की मांग है कि ग्रामीण इलाकों के 76% लाभार्थियों को
खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में लाया जाए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के
तहत दूसरे सामान भी बांटे जाएं, कमिशन में बढ़ोतरी हो, केरोसिन का पूरा
कोटा बांटा जाए। इस संगठन की एक मांग यह भी है कि सब्सिडी को सीधे लाभार्थी
के खाते में ट्रांसफर करने की योजना को टाल दिया जाए। प्रह्लाद ने
कहा, 'हम सरकार बदल सकते हैं।' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस मुद्दे
पर प्रधानमंत्री से बातचीत की है या अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए
उनके सामने अपनी बात रखेंगे तो उन्होंने ना कहा कि फेडरेशन
के प्रतिनिधियों ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री और सचिव से पहले
मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीडीएस
विक्रेताओं की चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए।
(IMNB)