दिल्ली में सरकार की चाबी हमारे पास होगी - कांग्रेस
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को किसी करिश्मे की उम्मीद नहीं है। पर पार्टी सरकार की चाबी अपने हाथ में रखना चाहती है। इसलिए चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी को भरोसा है कि अगर वह दस से बारह सीट तक जीतने में कामयाब रहती है, तो चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। कोई भी दल उसके बगैर सरकार नहीं बना पाएगा।
कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती पिछले चुनाव में साथ देने वाले मतदाताओं को बरकरार रखते हुए आम आदमी पार्टी से जुड़ चुके पुराने समर्थकों का दोबारा विश्वास हासिल करना है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पिछली बार की गलतियों से सबक लेते हुए कांग्रेस उन्हें दूर करने की कोशिश कर रही है। पार्टी झुग्गी-बस्ती में समर्थन हासिल करने में कामयाब होगी।
पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रोड शो और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रैलियों से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। पर उस जोश को वोट में बदलना पार्टी के लिए आसान नहीं है। पार्टी के एक नेता ने स्वीकार किया कि आम लोगों में कांग्रेस के प्रति नाराजगी कम हुई है, पर समर्थन का भाव नहीं है। ऐसे में पार्टी के लिए बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद बहुत कम है।
कांग्रेस के लिए मुस्लिम मतदाता चिंता का सबब है। राजधानी में लगभग 28 सीट ऐसी है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। कांग्रेस ने पिछली बार मुस्लिम बहुल्य आठ सीट पर अपनी जीत दर्ज की थी और करीब एक दर्जन सीट पर वह दूसरे नंबर पर रही थी। पर इस बार आप ने भी मुस्लिम वोटों में सेंध लगाई है। ऐसे में पार्टी का जीत का गणित बिगड़ सकता है।
कांग्रेस के एक सर्वे के मुताबिक, पार्टी लगभग बीस सीटों पर मजबूत है। इनमें से करीब आधा दर्जन सीट पर जीत तय है। इसके अलावा दो सीट ऐसी है, जहां पार्टी हजार-दो हजार वोट से पीछे सकती है।
कांग्रेस का मानना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह दस सीट जीतने में कामयाब रही तो, उसके समर्थन के बगैर राजधानी में किसी भी सरकार का गठन मुमकिन नहीं है।