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27 साल बाद होगा भारतीय PM का श्रीलंका दौरा !

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्च में श्रीलंका के दौरे पर जा सकते हैं। यह घोषणा सोमवार को श्रीलंका के नए विदेश मंत्री मंगला समरवीरा ने की है। अगर मोदी के इस दौरे में कोई बदलाव नहीं होता है, तो वह 27 साल बाद श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन जाएंगे। मोदी से पहले राजीव गांधी कोलंबो की यात्रा पर गए थे।
शपथ ग्रहण के एक हफ्ते से भी कम समय में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के न्योते पर दिल्ली आए समरवीरा ने मीडिया को बताया कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को अगले चरण में ले जाने के लिए मोदी मार्च में श्रीलंका की यात्रा कर सकते हैं। मंत्री ने बताया, 'बहुपक्षीय बैठकों के लिए कई भारतीय प्रधानमंत्री कोलंबो आए हैं, लेकिन 1987 के बाद यह पहला द्विपक्षीय दौरा हो सकता है, उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्रीलंका का दौरा किया था।' हालांकि, मोदी की यात्रा से पहले नव-नियुक्त राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना अगले महीने भारत के दौरे पर आएंगे, जिससे पता चलता है कि उनकी सरकार के लिए भारत कितनी अहमियत रखता है। सुषमा स्वराज इस दौरे के पहले या इसके बाद द्विपक्षीय संयुक्त कमfशन मीटिंग के लिए कोलंबो जा सकती हैं। समरवीरा ने दावा किया कि पिछले कुछ सालों में द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण रहे हैं और उनकी यात्रा, आगामी दौरों का मकसद रिश्तों को नए सिरे से संवारना और उनमें नई जान फूंकना है। समरवीरा ने कहा, 'श्रीलंका, चीन समेत दूसरे तमाम मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों को अहमियत देगा, लेकिन इस नई सरकार के लिए भारत प्राथमिकता पर होगा। श्रीलंका की इस सरकार में समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है। सही मायने में यह एक श्रीलंकाई सरकार है।' ऐसा माना जा रहा है कि नई सरकार श्रीलंका में चीन के किसी भी रक्षा संबंधी कदम से जुड़ी भारत की चिंताओं को कम करेगी। समरवीरा विदेश मंत्री बनने के बाद सबसे पहले भारत आए हैं। समरवीरा के मुताबिक श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने राजपक्षे सरकार की चीन के साथ की गई सभी प्रमुख डील्स पर दोबारा विचार करने का फैसला किया है। समरवीरा ने सुषमा स्वराज के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की। श्रीलंका सरकार के सूत्रों ने बताया कि चीन ने हायर इंटरेस्ट रेट पर बड़े लोन दिए हैं। एक्सपर्ट्स का दावा है कि भारत की बेचैनी बढ़ाने के लिए चीन 2009 से ही श्रीलंका में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में भारी-भरकम पैसा लगा रहा है। समरवीरा ने दावा किया कि नई सरकार तमिल कम्युनिटी की उम्मीदों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार तमिलों को जमीन लौटाने का भी काम शुरू करेगी।