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उपराज्यपाल ने दिल्ली विधानसभा भंग करने की सिफारिश की

नई दिल्‍ली। आठ महीने से चली आ रही राजनीतिक अनिश्चितता को खत्म करते हुए उपराज्यपाल नजीब जंग ने राष्ट्रपति से दिल्ली विधानसभा को भंग करने की आज सिफारिश की, क्योंकि भाजपा, आप और कांग्रेस ने सरकार के गठन में असमर्थता जताई और चुनावों को प्राथमिकता दी।
राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के बाद राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज दी है। इस रिपोर्ट में उप-राज्यपाल ने कहा है कि बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार बनाने में असमर्थता जताई है इसलिए विधानसभा भंग करने की सिफारिश की जाती है। सूत्रों का कहना है कि जनवरी में दिल्ली में चुनाव हो सकते हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा उपराज्यपाल से मुददे् पर तेजी से विचार किए जाने की बात कहे जाने और सरकार के गठन की संभावना तलाशने के लिए उन्हें 11 नवंबर तक का वक्त दिए जाने के मद्देनजर जंग ने कल राजनीतिक दलों से मशविरा किया था।चूंकि विधानसभा भंग करने के नोटिफिकेशन में अभी समय लग सकता है, इसलिए दिल्ली के चुनाव झारखंड और जम्मू-कश्मीर के साथ होने की संभावना नहीं है। चुनाव के लिए बीजेपी को जनवरी-फरवरी सबसे ज्यादा मुफीद लग रहा है। इस तरह चुनाव टालने की रणनीति में बीजेपी कामयाब हो गई है। पार्टी का मानना है कि अलग चुनाव होने पर प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली को पूरा वक्त दे सकेंगे, इसका फायदा पार्टी को मिलेगा। बीजेपी ने रविवार को संसदीय दल की बैठक में तय कर लिया था कि वह सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेगी। बीजेपी को हरियाणा में जबरदस्त सफलता मिली है। हरियाणा के चुनाव का सीधा असर दिल्ली की सीटों पर भी पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक यह भी बात निकलकर सामने आई है कि बीजेपी ने उप चुनावों की तीनों सीटों पर एक सर्वे भी कराया है और यह पार्टी के मुताबिक नहीं है। बीजेपी को इस बात का भी डर था कि उपचुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं आ पाएंगे।