राम मंदिर पर सरकारी चिट्ठी से मचा हड़कंप
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश सरकार के एक
आधिकारिक सूचना पत्र ने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया
है। प्रदेश सरकार ने सीनियर पुलिस अधिकारियों और फैजाबाद के डीएम को
'अयोध्या में सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर राम मंदिर के पुनर्निर्माण पर चर्चा
के लिए' मीटिंग में बुलाया है।
सरकारी पत्र में इस तरह के शब्दों के
इस्तेमाल पर हैरत जताई जा रही है ।हालांकि, यूपी सरकार ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि यह छपाई की
गलती है। इसकी वजह से विषय में यह गलती छप गई। इसे सुधार लिया गया है। यूपी के सचिव सर्वेश
चंद्र मिश्रा की ओर से जारी इस पत्र में डीजीपी और दूसरे बड़े पुलिस
अधिकारियों को सोमवार शाम 'संसद में कानून बनाकर श्री रामजन्मभूमि पर
सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर मंदिर निर्माण के संबंध में चर्चा के लिए' मीटिंग
में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, बहुत से लोग इस
सफाई से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं और सशंकित हैं। उनका कहना है कि
अयोध्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकारी पत्र तैयार करते समय इतने सीनियर
नौकरशाह से इस कदर लापरवाह होने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। सरकार की
सफाई पर विश्वास न करने के राजनीतिक कारण ज्यादा हैं। गुजरात के
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बीजेपी के पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद
माना जा रहा है कि बीजेपी कट्टर हिन्दुत्व के रास्ते पर लौट सकती है। ऐसे
में राम मंदिर का निर्माण पार्टी के एजेंडे में शामिल हो सकता है। कुछ
लोगों को लग रहा है कि मुलायम मोदी से मुद्दा छीनने की कोशिश कर रहे हैं।