बीएड की 34 हजार सीटें सीधे भरी जाएंगी
कानपुर। बीएड 2013-14 की खाली 34,294 सीटें सीधे भरी जाएंगी। इसका आदेश
गुरुवार को प्रमुख सचिव नीरज कुमार ने जारी किया है। ये सीटें
15 अक्तूबर तक भरी जा सकेंगी। इसका विस्तृत शेड्यूल भी जारी हो गया है।
शासन के इस फैसले पर उत्तर प्रदेश स्व वित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने
खुशी जताई है।
अध्यक्ष विनय त्रिवेदी, संयोजक डॉ. बृजेश भदौरिया और डॉ.
मोहर सिंह यादव ने कहा है कि सीटें भरने में अब दिक्कत नहीं आएगी। तीन
चरणों की ऑनलाइन और पूल काउंसलिंग के बाद भी बीएड की 34 हजार से ज्यादा
सीटें खाली हैं। छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी और उससे संबद्ध स्व
वित्तपोषित महाविद्यालयों की 964 सीटें खाली पड़ी हैं। सबसे ज्यादा 25,252
सीटें मेरठ विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध डिग्री कॉलेजों की खाली हैं। आगरा
विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों की 8025 सीटें नहीं भरी जा सकी हैं।
इन्हीं सीटों को भरने के लिए शासन ने चौथे चरण की काउंसलिंग कराने की
कवायद शुरू की थी, जो सफल नहीं हो सकी। इससे नाराज उत्तर प्रदेश स्व
वित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने
का फैसला कर लिया। इसी को देखते हुए विशेष सचिव उच्च शिक्षा मुरली मनोहर
लाल, गोरखपुर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार शैलेश शुक्ल और डिप्टी रजिस्ट्रार
एएम अंसारी ने बुधवार को लखनऊ में मीटिंग की। इसमें डिग्री कॉलेजों को
सीधे एडमिशन लेने का मसौदा तैयार किया गया, जिसे प्रमुख सचिव ने मंजूर कर
लिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय ई-मेल के
माध्यम से संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2013-14 में शामिल अभ्यर्थियों (जो
एडमिशन नहीं लिए हैं) की सूची कॉलेजों को मुहैया कराएगा। इसका डाटा बनाकर
कॉलेज संचालक समाचार पत्रों में विज्ञापन निकालेंगे। जो अभ्यर्थी एडमिशन का
आवेदन पत्र भरेंगे, उनकी मेरिट लिस्ट बनाकर एडमिशन प्रक्रिया पूरी की
जाएगी।