आसाराम की राजदार शिल्पी ने किया सरेंडर
जोधपुर। लंबे समय से फरार आसाराम की सहयोगी और उनके छिंदवाड़ा आश्रम की वॉर्डन शिल्पी ने बुधवार को जोधपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके कारण आसाराम बापू की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शिल्पी ने जोधपुर कोर्ट से
अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद सरेंडर किया। आसाराम की गिरफ्तारी
के बाद से ही पुलिस को शिल्पी की तलाश थी।
जोधपुर पुलिस ने शिल्पी की तलाश
में छिंदवाड़ा और आसाराम के दूसरे आश्रमों पर दबिश भी दी थी, लेकिन वह हर
बार पुलिस से बचती रही। आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम की वॉर्डन शिल्पी पर
पीड़ित लड़की को आसाराम से मिलवाने का आरोप है। नाबालिग लड़की का आरोप है
कि शिल्पी ने ही उसे जोधपुर आश्रम भेजकर आसाराम से मिलवाया था। शिल्पी को आसाराम का सबसे
बड़ा राजदार माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि आसाराम के लिए लड़कियों को
तैयार करने का काम शिल्पी ही देखती थी। लिहाजा, शिल्पी के सरेंडर से पुलिस
को आसाराम के कई दबे राज सामने आने की उम्मीद है। इससे पहले, आसाराम के दो
सहयोगियों ने जोधपुर कोर्ट में पिछले शुक्रवार को सरेंडर किया था। आसाराम
का रसोइया प्रकाश और सहयोगी शरदचंद नाबालिग के यौन उत्पीड़न की साजिश में
शामिल रहने के आरोपी हैं। पीड़ित आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम के हॉस्टल में
रहती थी। इसी हॉस्टल में प्रकाश रसोइया और शरदचंद प्रभारी था।