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अलर्ट के बाद भी क्यों नहीं जागी सरकार

नई दिल्‍ली। हैदराबाद में गुरुवार को हुए धमाकों में मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है, जबकि 119 घायल हैं। मरने वालों में चार छात्र भी शामिल हैं। गृहमंत्री ने आज हैदराबाद धमाकों पर संसद के दोनों सदनों में बयान देने की घोषणा भी की है। संभावना है कि गृहमंत्री दो बजे संसद में बयान दे सकते हैं। वहीं, गृहमंत्री के इस बयान पर विवाद शुरु हो गया है कि उनको धमाकों की खुफिया जानकारी थी। विपक्ष नेता सुषमा स्वराज ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अभी इस मसले पर किसी पर भी दोषारोपण करना ठीक नहीं है। सुषमा ने कहा कि गृहमंत्रालय से अलर्ट जारी होने के बाद भी इस घटना का होना बताता है कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था किस कदर लचर है। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद कर रही थीं कि शिंदे सदन के शुरू होने तक यहां आकर अपना बयान देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी आज दोपहर बाद हैदराबाद जाएंगे। भाजपा ने आज राज्य में बम धमाकों के खिलाफ हैदराबाद बंद का आह्वान किया है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की काबिलियत पर ही सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा है कि जब गृह मंत्री का प्रमोशन उनकी कार्यक्षमता के बजाए वफादारी पर हुआ है तो ऐसे में उनसे क्या अपेक्षा की जा सकती है? गौरतलब है कि शिंदे ने गुरुवार को कहा था कि हैदराबाद आतंकियों के निशाने पर है इस बात का पता दो दिन पहले से ही था और हमने इस बारे में राज्य सरकार को सूचित भी किया था। जबकि इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने कहा है कि उन्हें रूटीन अलर्ट ही भेजा गया था किसी गंभीर हमले की सूचना नहीं दी गई थी।  बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों को हैदराबाद में आतंकी वारदात की आशंका पहले से थी। एजेंसियां हैदराबाद पर कई महीनों से नजर गड़ाए बैठी थी। पिछले कुछ महीनों से पुराने हैदाराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर के चलते कई बार भड़के सांप्रदायिक तनाव के कारण हालात काफी संवेदनशील थे।