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कोर्ट: पत्नी से जबरन सेक्स बलात्कार नहीं होता

नई दिल्‍ली। दिल्ली की एक अदालत ने पत्नी के साथ बलात्कार करने के एक आरोपी को इस आधार पर आरोप मुक्त कर दिया कि अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना, भले ही वह जबरन बनाया गया हो, ‘वैवाहिक बलात्कार’ नहीं होता। जिला न्यायाधीश जे.आर.आर्यन ने हाजी अहमद सईद के वकील की इन दलीलों से सहमति जताकर उसे आरोप मुक्त किया कि आईपीसी में ‘वैवाहिक बलात्कार’ जैसी किसी
संकल्पना को मान्यता नहीं दी जाती। अदालत ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील ने बिल्कुल सही तर्क दिया कि आईपीसी ‘वैवाहिक बलात्कार’ जैसी किसी संकल्पना को मान्यता नहीं देती। यदि शिकायतकर्ता कानूनी तौर पर आरोपी से ब्याही गई है तो आरोपी और उसके बीच सेक्स संबंध बलात्कार नहीं कहलाएगा, भले ही वह जबरन या उसकी इच्छा के बगैर क्यों न हुआ हो। अदालत ने इस मामले को एक मजिस्ट्रेट अदालत के पास भेज दिया क्योंकि बाकी के जिन आरोपों में आरोपी के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया था उनकी सुनवाई मजिस्ट्रेट कर सकते हैं।

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