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क्‍या आतंकी अजमल कसाब को ‘मच्‍छर’ ने मारा?

साल 2008 में हुए मुंबई हमलों के एक मात्र जिंदा पकड़े गए पाकिस्‍तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को बुधवार सुबह फांसी दे दी गई। केंद्र और महाराष्‍ट्र सरकार कसाब की फांसी को बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है, लेकिन सोशल नेटवर्किंग साइट्स समेत देशभर में चर्चा है कि 26/11 के गुनहगार कसाब को ‘मच्‍छर’ ने मारा है यानी उसकी मौत डेंगू से हुई है। फेसबुक समेत कई साइट्स पर हालांकि कुछ लोगों ने मजाकिया लहजे में ये बात कही है, लेकिन बहुत से लोगों ने गंभीरता के साथ कई सवाल पूछे हैं।
जैसे, 26/11 से ठीक 4 दिन पहले ही क्‍यों उसे फांसी दी गई। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु पर फैसले से पहले कसाब को क्‍यों फांसी दी गई? कसाब के मामले में इतनी जल्‍दबाजी क्‍यों? कई लोग तो पायल रोहतगी के उस कमेंट का भी हवाला दे रहे हैं, जिसमें उन्‍होंने कहा था-‘कसाब का हिसाब अब मच्‍छर करेगा।’ गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि कसाब की फांसी पर 7 नवंबर को हुआ। ये भी कहा जा रहा है उसे डेंगू होने की झूठी खबर इसलिए फैलाई गई थी ताकि उसका चेकअप हो सके और उस पर नजर बनाई जा सके। कसाब को ऑपरेशन X के तहत फांसी दी गई। अब सवाल पूछ जा रहे हैं कि कसाब को डेंगू की खबर तो 5 नवंबर को आई थी यानी फैसले से पहले यानी ऑपरेशन X से पहले तो ये झूठी खबर फैलाने वाली बात लोग कैसे हजम करें? कई लोगों ने तो यहां तक कमेंट किए हैं कि कसाब की डेंगू से मौत के कारण सरकार ने आनन-फानन में फांसी की बात दी, क्‍योंकि उसके पास कोई विकल्‍प नहीं बचा था। कुछ लोग यहां तक सवाल उठा रहे हैं कि कसाब को फांसी से जुड़ा कोई वीडियो क्‍यों नहीं दिखाया गया, जिससे एक मिसाल कायम की जा सके। लोग यहां तक पूछ रहे हैं कि कसाब को फांसी पर लटकाने के लिए ले जाते हुए एक फोटो तक सामने नहीं आया। सिर्फ और सिर्फ सरकारी बयानों के अलावा कोई ऐसा सबूत पेश नहीं किया गया, जिससे उन्‍हें ये सबूत मिले कि वाकई उसे फांसी दी गई है।

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