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यूपीए के खिलाफ तृणमूल का हल्ला बोल, ममता ने निकाली रैली

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के हाल के आर्थिक सुधारों के खिलाफ सोमवार को जंतर-मंतर पर रैली निकालने वाली तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि इसका उद्देश्य 'आम आदमी' की आवाज उठाना है. वहीं, सरकार ने स्पष्ट किया कि उसने जो भी निर्णय लिए हैं, वे विकास को जारी रखने के लिए आवश्यक हैं. तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "यह केवल धरना नहीं, बल्कि प्रदर्शन रैली है. हमारे सभी सांसद प्रदर्शन करेंगे, लेकिन हम किसी को पश्चिम बंगाल से नहीं लाये हैं." प्रदर्शन से पहले तृणमूल के नेता के. डी. सिंह ने कहा, "सेंसेक्स लोगों की खुशी का पैमाना नहीं है. जो लोग सेंसेक्स से बढ़ने से खुश हैं, वे केवल पैसा चाहते हैं.
दीदी 'आम आदमी' के हितों को लेकर चिंतित हैं और यह रैली उनकी आवाज उठाने के लिए है." तृणमूल कांग्रेस खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति, डीजल की कीमत में वृद्धि और रियायती दर वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या कम करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. वहीं, केंद्र सरकार ने कहा है कि ये फैसले विकास जारी रखने के लिए आवश्यक हो गए थे. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि आर्थिक विकास को गति देने और रोजगार सृजित करने के लिए ये निर्णय आवश्यक हो गए थे. नारायणसामी ने कहा, "रोजगार सृजित नहीं किए गए हैं. राज्य और केंद्र इस तरह नहीं रह सकते. केंद्र को देश के लोगों की इच्छाओं एवं आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना ही होगा.

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