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शरीर के अंदर घुल जायेंगे इलेक्ट्रानिक चिप

वाशिंगटन.अमेरिकी वैज्ञानिकों ने तकनीक और मानव शरीर के संगम को कामयाब बनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुये सिलिकान आधारित चिप तैयार किये हैं जिन्हें शरीर के अंदर प्रत्यारोपित किया जा सकेगा और वे आवश्यकता पड़ने पर शरीर में खुद से ही घुल भी जायेंगे. अमेरिकी विज्ञान पत्रिका "साइंस" में प्रकाशित  शोध में अमेरिकी शोधकर्ताओं ने बताया है कि इस तकनीक से तैयार किये गये सिलिकान चिप को अभी चूहों की शल्यचिकित्सा के बाद बन गये घावों में प्रत्यारोपित किया गया है.
इस चिप ने किसी भी ऑपरेशन के बाद के सबसे नाजुक शुरुआती दो सप्ताह में घाव को समय समय पर हल्की मात्रा में गर्म किया, जिससे उसमें बन गये बैक्टीरिया नष्ट हो गये. वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस चिप को सिलिकान और मैग्निशयम से तैयार किया गया है तथा रेशम से तैयार हुई एक बाहरी परत के अंदर रखा गया है. इस चिप को बनाने वाले वैज्ञानिक इससे पहले "इलेक्ट्रानिक टैटू" कहलाने वाले सेंसर को भी तैयार कर चुके हैं जो त्वचा के हिसाब से ढल सकने में सक्षम है.वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह चिप पानी के संपर्क में आने पर खुद-ब-खुद घुलना शुरु हो जाता है.
चिप में सिलिकान की मौजूदगी की वजह से ऐसा संभव हो पाता है. घुलने की इस प्रक्रिया को रेशम के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है. यह चिप चंद दिनों से लेकर कुछ सप्ताह के भीतर शरीर के अंदर पूरा का पूरा घुल जाने में सक्षम है. इस नई तकनीक के संभावित इस्तेमालों पर टिप्पणी करते हुये इलेनोइस विश्वविद्यालय के प्रोफ्सेर जान रोजर्स ने कहा "यह एक नई तकनीक है तो हम बहुत सारी चीजों में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका एक इस्तेमाल ढूंढा जा चुका है जो सर्जरी के बाद घावों को बैक्टीरिया-रहित रखने में मदद कर सकता है." भविष्य में इसके जरिये शरीर में कुछ समय पर खास दवाओं का स्राव सुनिश्चित किया जा सकेगा तथा मस्तिष्क एवं हृदय के लिये सेंसर भी तैयार किये जा सकेंगे. उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में हृदयगति को निंयत्रित करने के लिये प्रत्यारोपित किये गये पेसमेकर जैसे उपकरण एक सीमित अवधि तक ही काम करते हैं और उसके बाद उन्हें आपरेशन के जरिये शरीर से बाहर निकाला जाना आवश्यक होता है.

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