भारत में होंगे 60 फीसदी दिल के मरीज!
तिरूचिरापल्ली. गत कुछ दशकों के अध्ययन से यह तथ्य सामने
आया है कि दिल की बीमारी से पीड़ित भारतीयों की संख्या में तेजी से इजाफा
हो रहा है, अगर समय रहते भारतीयों ने अपनी जीवन शैली और खान पान की आदतों
में परिवर्तन नहीं किया तो आने वाले समय में विश्व में दिल की बीमारियों से
पीड़ित लोगों में 60 फीसदी भारतीय होंगे. विश्व हृदय दिवस के मौके पर
चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल के कार्डियोलाजिस्ट सलाहकार डॉ. पी हरिकृष्णन
ने एक संवाददाता सममेलन में यह जानकारी दी है.
उन्होंने कहा कि आकलन के
मुताबिक यूरोपीय लोगों की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत भारतीयों में 40 वर्ष
की उम्र के आसपास दिल का दौरा पड़ने की आशंका चार गुना होती है. हरिकृष्णन ने कहा कि अचानक दिल का दौरा पड़ने पर पीड़ित को तत्काल कोई चिकित्सकीय सहायता नहीं मिले तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. विश्वव्यापी आकलन के अनुसार असामयिक मौतों की सबसे मुख्य वजह हृदयाघात है तथा हर वर्ष अन्य कारणों की तुलना में सर्वाधिक मौत दिल का दौरा पड़ने से ही होती है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुये हृदयरोग के जोखिम से बचने का प्रयास करें. विशेषकर युवा भारतीयों को सलाह देते हुये उन्होंने कहा कि वे हृदय रोग की प्रमुख वजहों मधुमेह शराब और सिगरेट, असामान्य कोलेस्ट्रोल, मोटापा एवं रक्तचाप जैसी बीमारियों से बचें तथा पश्चिमी खानपान की शैली और अस्वास्थ्यकर आहार से तौबा करें. उन्होंने कहा कि नियमित व्यायाम करके इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है.
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