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कानपुर- हैलट में फिर हुई मानवता शर्मसार

कानपुर। हैलट में गुरुवार को डॉक्टरों की संवेदनहीनता से एक व्यक्ति ने इमरजेंसी केसामने दम तोड़ दिया। उसका शव 3 घंटे तक नाली में पड़ा रहा। इस दौरान कई डॉक्टर और पुलिसकर्मी वहां से निकले, पर किसी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया। हो-हल्ला होने पर अस्पताल प्रशासन ने शव को मरचरी में रखवा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि करीब 50 साल का एक व्यक्ति गुरुवार सुबह हैलट इमरजेंसी पहुंचा। उसने डॉक्टरों को पैर में लगी चोट दिखाई। डॉक्टरों ने उसे ओपीडी में भेज दिया। किसी तरह वह ओपीडी पहुंचा, तो वहां के डॉक्टरों ने उसे इमरजेंसी भेज दिया। सुबह से दोपहर एक बजे तक वह इमरजेंसी और ओपीडी के बीच चक्कर काटता रहा। जब किसी ने नहीं देखा तो परेशान होकर इमरजेंसी के सामने एक पत्थर पर बैठ गया। कुछ पल बाद वह गिरा और लुढ़क कर नाली में पहुंच गया। एक तीमारदार की सूचना पर हैलट चौकी प्रभारी शिवनाथ सिंह वहां पहुंचे और फिर चले गए। अन्य मरीजों के साथ आए तीमारदारों के हंगामा करने पर करीब चार बजे ईएमओ डॉ. एसबी मिश्रा ने कर्मचारियों से उस व्यक्ति को नाली से बाहर निकलवाया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। उसके दाएं हाथ में कल्लू, कुलदीप और अमर लिखा है। दाएं पैर में पट्टी बंधी हुई है। शरीर पर नीले रंग की टी-शर्ट और भूरे रंग की धारीदार पैंट है। स्वरूप नगर थानाप्रभारी ने बताया कि उसके पास शिनाख्त के लिए कोई कागज या अन्य कोई सामान नहीं मिला है। शुक्रवार को अज्ञात में पंचायतनामा कराकर शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

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