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ताजमहल को बनाया कबाड़खाना ?

आगरा। ताजमहल में कबाड़। भारतीय पुरतत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) खूबसूरत ताजमहल को कबाड़खाना के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है। शाहजहां और मुमजात की कब्र के ठीक पीछे के कमरे को इसी काम के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। टूटे पत्‍थर, सरिया, लोहे की पाइप, जंग लगे हुए हैंडपंप और ऐसे ही बेकार की चीजें यहां रख दी गई हैं।

विश्‍व के सात आश्‍चर्य में शुमार ताजमहल के संरक्षण का जिम्‍मा एएसआई के पास है। लेकिन यहां रखे कबाड़ ने संरक्षण की पोल खोल दी है। ताजमहल में गुम्‍बद के ठीक नीचे शाहजहां और मुमताज की प्रोटोटाइप कब्र (उसके नीचे अंडरग्राउंड में असली कब्र है)। इसके आसपास कई कमरे बने हुए हैं। इन्‍हीं कमरों को एएसआई अब कबाड़खाने के रूप में इस्‍तेमाल कर रहा है।
स्‍मारक में मुख्‍य मकबरे के पीछे पत्‍थर की जालियों से एक कमरे की स्थिति को साफ देखा जा सकता है। पर्यटक इस दुर्दशा पर दुख व्‍यक्‍त कर रहे हैं। चेन्‍नई के रामानुज कहते हैं कि वे ताजमहल को दूर से देखकर बेहद खुश थे। लेकिन जालियों से अंदर रखे कबाड़ को देखकर ठीक नहीं लगा। इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। ताजमहल में कब्र की बगल के कमरों की इस हालत पर ताजगंज के निवासी ताहिरुद्दीन ने बादशाह शाहजहां और मुमताज का अपमान करार दिया है। उनका कहना है कि कब्र पवित्र स्‍थल है। यहां कबाड़ नहीं रखा जा सकता है

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