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क्‍या है लापरवाह शिक्षकों की शिकायत के बावजूद अफसरों की चुप्‍पी का राज

शाहजहांपुर 08 मार्च 2018. प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की लापरवाही अधिकारियों के सुस्त व्यवहार के चलते कम होती हुई नजर नहीं आ रहीं है। हर दिन शिक्षकों की मिलती शिकायतों के बाद भी अधिकारी सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं। एक ही एक मामला 28 फरवरी को देखने को मिला था।  शिक्षकों की वजह से छात्र-छात्राओं की संख्या काफी कम स्कूल में मिली थी। तथा स्कूल में ड्यूटी लगाकर शिक्षक भी  गायब मिली थे। 


जिसकी जानकारी एबीएसए साहब को भी दी गई और बताया गया कि आपके क्षेत्र के गांव जलालाबाद में ग्राम चौरासी के परिसर में बने प्राथमिक स्कूल के शिक्षक  स्कूल में नहीं है, जो कि ड्यूटी लगाकर चले गए हैं जबकि इस तरह की शिकायत कभी-कभी उनको दी जाती है कि आपके शिक्षक आपके अधिकारीगणों के नाक के नीचे लापरवाही बरत रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी उनसे कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। ऐसे ही 28 फरवरी को भी  चौरासी गांव के स्कूल की जानकारी उन्हें दी गई।  यह जानकारी एबीएसए को मिलने के बाद भी मामले में लापरवाही बरतते हुए अनभिज्ञ दिखाई पड़े।

जहां सरकार एक ओर शिक्षा के प्रचार प्रसार में करोड़ों रूपये खर्च करते हुए बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा की तैयारी कर रही है वही विभाग के अधिकारी ही उस योजना में पलीता लगा रहे है। इसी के चलते प्राथमिक व जूनियर स्कूलों की शिक्षकों की लापरवाही हर दिन सुनने में आती रहती हैं लेकिन अधिकारी खानापूर्ति करके शिकायतों को टालते रहते हैं। जिससे शिक्षकों की लापरवाही आये दिन कम होने की बजाए बढ़ती ही जा रहीं हैं। आपको बता दे  कि 28 फरवरी 2018 को नाम न छापने की बात पर एक व्यक्ति ने फोन पर बताया  था कि शिक्षक आज भी गायब हैं और एक अध्यापक सिर्फ़ बच्चों को पढा रहे हैं। जिस पर कुछ पत्रकारगण मौके पर करीब 1:30 बजे स्कूल पहुंचे तो वहां सिर्फ़ प्रदीप मिश्रा करीब 20 से 25 बच्चों को पढा रहे थे।

रजिस्टर देखने पर पता चला कि राकेश कुमार, रजनी गुप्ता, प्रिया पाण्डे, बबिता गुप्ता अध्यापक अध्यापिका मौजूद नहीं है। पता करने पर मालूम हुआ कि प्रधानाध्यापक राकेश कुमार किसी काम से N.P.R.C गए हुऐ हैं। अध्यापिका रजनी गुप्ता दवाई लेने फरुखाबाद गई हैं। अध्यापिका प्रिया पाण्डे की बच्चे की तबियत खराब है इसलिए वह चली गई और बबिता गुप्ता की ड्यूटी परीक्षा मे लगी है। पूरे स्कूल की जिम्मेदारी सिर्फ़ प्रदीप मिश्रा निभा रहे है। शिक्षक इस तरह स्कूल आने से बच्चे काफ़ी उदास बैठे थे। वह भी यहीं सोच रहे थे। कि जब अध्यापक स्कूल में नहीं है तो मेरी भी छुट्टी हो जाए और हम भी घर मे मजे ले। इस प्रकरण की जानकारी एबीएसए को भी  दी गई लेकिन लापरवाही के चलते अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके चलते शिक्षकों के होसले बुलंद है। इसकी जानकारी न हो और ज्यादा शिकायत न आए इसलिए एबीएसए साहब का सीयूजी नम्बर हमेशा बंद ही रहेता है।