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वीआईपी मूवमेंट से आम जनता हलकान, एम्बुलेंस में मरीज़ों की निकल रही है जान

लखनऊ 15 फरवरी 2018 (वहाबउद्दीन सिद्दीक़ी/ए.एस ख़ान). वीआईपी फ्लीट निकलते समय रोके जाने वाले ट्रैफ़िक में फँस कर न केवल आम नागरिक हलकान हो रहे हैं, बल्‍कि‍ गंभीर मरीज़ों को उपचार के लिये ले जाने वाली एम्बुलेंस भी सायरन बंद करके माननीयों के निकलने और रास्ता खुलने का इंतज़ार करती रहती है। एैसे हालात में मरीज़ों की जान जोखिम में बनी रहती है।


सूत्रों के अनुसार आये दिन कानपुर रोड पर स्थित एअरपोर्ट से वीआईपी मूवमेन्ट के दौरान तीन नं बगिया के पास तिराहे पर ट्रैफिक रोक दिया जाता है। जिससे आम जनता तो परेशान होती ही है साथ में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे एम्बुलेंस में पड़े मरीज को भी VIP के काफिले के निकलने का इंतजार करना पड़ता है। VIP काफिला आने से काफी देर पहले ही ट्रैफिक को रोक दिया जाता है।

आज भी कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला जब शाम लगभग 4:00 बज कर 30 मिनट पर माननीय मुख्यमंत्री के काफिले को निकालने के लिए ट्रैफिक कर्मियों ने तीन नंबर बगिया तिराहे पर कानपुर रोड हाईवे पर चल रहे ट्रैफिक को दोनों ओर से रोक दिया। इसी रुके हुए ट्रैफिक में एक एंबुलेंस भी आकर फंस गई जो कि पहले तो काफी देर तक सायरन बजाती रही फिर खामोश हो गई और काफिले के निकलने का इंतजार करती रही।

अब सवाल यह है कि क्या इस तरह आये रोज़ ट्रैफिक को देर तक रोकना सही है? क्या ट्रैफ़िक कर्मियों की ये ज़िम्मेदारी नहीं बनती है की उस रुके हुए ट्रैफिक में से एम्बुलेंस को निकलवाए? क्या पता किस एंबुलेंस में कितना गंभीर मरीज हो, कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं जिनके पास अस्पताल पहुंचने के लिये चंद मिनट का ही टाइम होता है या जो हार्ट अटैक के पेशेंट होते हैं।